OMSS: केंद्र ने महंगाई के दबाव और मानसून को लेकर पैदा हुई चिंताओं के बीच 13 जून को ओएमएसएस (OMSS) के तहत राज्य सरकारों को सुरक्षित भंडार से चावल और गेहूं की बिक्री बंद कर दी थी.
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Open Market Sales Scheme: केंद्र सरकार ने पिछले दिनों ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत सेंट्रल पूल से राज्य सरकारों को चावल और गेहूं की बिक्री करना बंद कर दिया था. सरकार के इस कदम के बाद गरीबों को मुफ्त अनाज देने वाले कर्नाटक समेत कई राज्यों पर सीधा असर पड़ा था. इस फैसले को लिये जाने के करीब तीन हफ्ते बाद ही कर्नाटक, तमिलनाडु, झारखंड और राजस्थान ने राज्य कल्याण योजनाओं के लिए केंद्र से खुली बाजार बिक्री योजना (OMSS) के तहत रिजर्व स्टॉक से खाद्यान्न उपलब्ध कराने की मांग की है.
13 जून को बंद हुई थी योजना
इस बारे में कर्नाटक के खाद्य मंत्री केएच मुनियप्पा ने जानकारी दी. उन्होंने बतया विपक्षी दलों के शासन वाले चारों राज्यों ने राजधानी दिल्ली में आयोजित राज्यों के खाद्य मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन में यह मांग की है. केंद्र ने महंगाई के दबाव और मानसून को लेकर पैदा हुई चिंताओं के बीच 13 जून को ओएमएसएस (OMSS) के तहत राज्य सरकारों को सुरक्षित भंडार से चावल और गेहूं की बिक्री बंद कर दी थी. सरकार की तरफ से इस सुविधा को फिर से शुरू किया जाता है तो जनता को फ्री राशन मुहैया कराने में आसानी होगी.
OMSS के तहत चावल उपलब्ध कराने का अनुरोध
मुनियप्पा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत पात्रता के अलावा 5 किलो अतिरिक्त चावल उपलब्ध कराने के चुनावी वादे को पूरा करने के लिए ओएमएसएस (OMSS) के तहत चावल उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है. मुनियप्पा ने कहा कि यह मांग न केवल कर्नाटक सरकार बल्कि तमिलनाडु, राजस्थान और झारखंड की सरकारों ने भी उठाई है. सम्मेलन में 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UT) के करीब 17 खाद्य मंत्रियों और अधिकारियों ने भाग लिया है.
ऐसे राज्यों को मिल रहा सस्ता अनाज
ओएमएसएस (OMSS) के तहत पूर्वोत्तर राज्यों, पहाड़ी राज्यों और प्राकृतिक आपदा से प्रभावित राज्यों के लिए 3,400 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक्री जारी है. एफसीआई (FCI) बाजार कीमत को कम करने के लिए जरूरत के अनुसार केंद्रीय पूल स्टॉक से ओएमएसएस (OMSS) के तहत निजी कारोबारियों को चावल दे सकती है. आपको बता दें सरकार ने पिछले दिनों ई-नीलामी के जरिये आटा मिलों, निजी व्यापारियों और गेहूं उत्पादों के निर्माताओं के लिए केंद्रीय पूल से ओएमएसएस के तहत 15 लाख टन गेहूं की बिक्री करने की घोषणा की थी.