फ्री में खाने की चाहत से Railway मील में मिलाई 'छिपकली', ऐसे खुला राज
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फ्री में खाने की चाहत से Railway मील में मिलाई 'छिपकली', ऐसे खुला राज

रेलवे के खाने को लेकर समय-समय पर यात्रियों की तरफ से शिकायतें आती रहती हैं. इसी के मद्देनजर रेल मंत्री की तरफ से कुछ दिन पहले 'नो पेमेंट, नो कैश' की योजना शुरू की गई है. इससे पहला फायदा यह होगा कि वैध वेंडर ही आपको खाने-पीने का सामन बेच सकेगा.

फ्री में खाने की चाहत से Railway मील में मिलाई 'छिपकली', ऐसे खुला राज

नई दिल्ली : रेलवे के खाने को लेकर समय-समय पर यात्रियों की तरफ से शिकायतें आती रहती हैं. इसी के मद्देनजर रेल मंत्री की तरफ से कुछ दिन पहले 'नो पेमेंट, नो कैश' की योजना शुरू की गई है. इससे पहला फायदा यह होगा कि वैध वेंडर ही आपको खाने-पीने का सामन बेच सकेगा. दूसरा यह कि खाने की सामान की क्वालिटी भी बेहतर होगी. ताजा मामले में एक शख्स की तरफ से रेलवे के खाने में छिपकली निकलने का दिलचस्प मामला सामने आया है.

वेंडर के पैसा वापस करने की थी उम्मीद
लेकिन रेलवे के खाने में छिपकली मिलने का एक दिलचस्प मामला सामने अया है. इस मामले की हकीकत जब पता चली तो रेलवे स्टॉफ के साथ वहां मौजूद लोगों ने भी दांतों तले अंगुली दबा ली. दरअसल खाने में छिपकली निकलने की शिकायत करने वाले शख्स सुरेंद्र पाल सिंह ने फ्री में खाना लेने के चक्कर में अपने भोजन में छिपकली की तरह दिखने वाली मछली को डाल लिया. सुरेंद्र पाल की उम्र करीब 70 साल है और ऐसा करने से उन्हें उम्मीद थी कि वेंडर खाने का पैसा वापस कर देगा.

दो घटनाओं में समानता के बाद खुली पोल
वरिष्ठ विभागीय वाणिज्यिक प्रबंधक (डीसीएम) ने ऐसी दो घटनाओं में समानता देखी और सुरेंद्र की चाल में फंसे रेलवे उपमंडल को सतर्क कर दिया. रेलवे अधिकारी बसंत कुमार ने मीडिया को बताया कि एक शख्स ने 14 जुलाई को जबलपुर रेलवे स्टेशन पर अपने समोसे में छिपकली मिलने की शिकायत की. इसके बाद उसने गुंटकल स्टेशन पर भी बिरयानी में छिपकली निकलने की बात कही. संदेह पर उस व्यक्ति की तस्वीर साझा करते हुए सीनियर डीसीएम को सतर्क कर दिया गया. सुरेंद्र नामक शख्स ने फ्री में खाना लेने के लालच में ऐसा किया. अधिकारियों को यह भी शक है कि वह पिछले कुछ समय से ही ऐसा कर रेलवे का नाम खराब कर रहा है.

खुद को बताया मानसिक रोगी
अधिकारियों ने जब सुरेंद्र से पूछताछ की तो उसने पूरी सच्चाई उगल दी. सुरेंद्र के एक वीडियो में उसकी तरफ से बताया गया कि इस चाल के लिये उसने 'मानसिक रोग दूर करने वाली मछली' का प्रयोग किया. वीडियो में वह रेलवे अधिकारियों से बहस भी कर रहा है. वीडियो में वह कह रहा है 'मैंने कुछ गलत नहीं किया. मैं बुजुर्ग हूं और मानसिक रूप से अस्थिर हूं. मुझे ब्लड कैंसर है. कृपया मुझे जाने दो. पंजाब में एक आयुर्वेदिक दवा है. मैंने हड्डी रोगों और मानसिक बीमारियों को दूर करने की एक मछली का इस्तेमाल किया.' सुरेंद्र ने यह भी बताया कि उनके पिता वरिष्ठ डीसीएम थे. हालांकि यह साफ नहीं हो पाया कि सुरेंद्र मानसिक रूप से अस्थिर हैं या नहीं. साथ ही अभी उसके ब्लड कैंसर की भी पुष्टि नहीं हो सकी.

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