कृत्रिम सौंदर्य प्रसाधन बनाने वाली फ्रांस की कंपनी लोरियल ग्रुप ने कहा कि वह त्वचा के रखरखाव से संबंधित अपने उत्पादों से श्वेत, गोरे और हल्के जैसे शब्दों को हटाएगी.
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नई दिल्लीः कृत्रिम सौंदर्य प्रसाधन बनाने वाली फ्रांस की कंपनी लोरियल ग्रुप ने कहा कि वह त्वचा के रखरखाव से संबंधित अपने उत्पादों से श्वेत, गोरे और हल्के जैसे शब्दों को हटाएगी. यूनिलीवर ने भी एक दिन पहले इसी तरह की घोषणा की थी और कहा था कि वह अपने लोकप्रिय ब्रांड ‘फेयर एंड लवली’ से ‘फेयर’ शब्द को हटा रही है.
इस वजह से ले रही हैं कंपनियां फैसला
नस्लीय रुढ़ियों के खिलाफ उठती आवाजों के बीच त्वचा के गोरेपन से संबंधित सौंदर्य प्रसाधन बनाने वाली कंपनियां दबाव में हैं. यह ऐसे समय में महत्वपूर्ण हो जाता है, जब अमेरिका से शुरू हुआ ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ आंदोलन कई देशों में फैल चुका है. कंपनी ने एक बयान में कहा, 'लॉरियल ग्रुप त्वचा का रंग बदलने वाले उत्पादों को लेकर उठ रही आपत्तियों को स्वीकार करती है. इसे लेकर कंपनी त्वचा संबंधी अपने सभी उत्पादों से गोरे, गोरेपन, श्वेत, सफेद, हल्का आदि शब्दों को हटाने का निर्णय लेती है.'
कई और कंपनियां भी इस तरह के कदम उठा रही हैं. अमेरिकी की स्वास्थ्य देखभाल और एफएमसीजी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन ने भी त्वचा को गोरा बनाने वाली क्रीम की भारत सहित दुनियाभर में बिक्री को रोक दिया. वहीं कोलकाता स्थित एफएमसीजी कंपनी इमामी ने भी कहा है कि वह स्थिति का मूल्यांकन कर रही है. कंपनी गोरापन लाने वाले ब्रांड ‘फेयर एंड हैंडसम’ का उत्पादन करती है.
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