भारत से मोबाइल फोन का निर्यात घटकर शून्य हो जाएगा 2015 में!
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भारत से मोबाइल फोन का निर्यात घटकर शून्य हो जाएगा 2015 में!

जहां एक ओर सरकार ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के साथ इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण के लिए भारत को केंद्र बनाने पर जोर दे रही है, एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश से मोबाइल फोन का निर्यात 2015 में शून्य पर आने की संभावना है।

नई दिल्ली : जहां एक ओर सरकार ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के साथ इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण के लिए भारत को केंद्र बनाने पर जोर दे रही है, एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश से मोबाइल फोन का निर्यात 2015 में शून्य पर आने की संभावना है।

इंडियन सेलुलर एसोसिएशन द्वारा सरकार को सौंपी गई इस रिपोर्ट के मुताबिक, मोबाइल का बाजार 2014 में 32 प्रतिशत बढ़कर 12 अरब डालर पर पहुंच गया, लेकिन बाजार के तीन चौथाई हिस्से पर आयात का दबदबा रहा। घरेलू उत्पादन में 29 प्रतिशत तक की गिरावट आई। 2015 में निर्यात घटकर शून्य पर आ सकता है। वर्ष 2012 में 12,000 करोड़ रुपये के शीर्ष स्तर पर पहुंचने के बाद से मोबाइल फोन के निर्यात में गिरावट का रख बना है।

रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2013 में निर्यात 11,850 करोड़ रुपये का था जो 2014 में 70 प्रतिशत तक घटकर 2,450 करोड़ रपये पर आ गया और यदि सुधारात्मक उपाय नहीं किए गए तो अगले साल यह घटकर शून्य पर आ सकता है। रिपोर्ट में निर्यात में गिरावट की एक मुख्य वजह नोकिया का चेन्नई संयंत्र बंद होना बताया गया है। सरकार के साथ कर विवाद के चलते नोकिया को अपना मोबाइल फोन संयंत्र बंद करना पड़ा।

भारत के इलेक्ट्रानिक मोबाइल बाजार पर आयातित फोन हावी हैं और मोबाइल फोन निर्यात ने बढ़ते व्यापार घाटे में कुछ राहत दी है। वर्ष 2013-14 में सरकार को दूरसंचार खंड में 49,041 करोड़ रुपये से अधिक के व्यापार घाटे का सामना करना पड़ा।

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