मार्च महीने में ही कैबिनेट ने सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 4 फीसदी की बढ़ोतरी का फैसला किया था.
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दिल्ली: गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई बड़े फैसले लिये गये. कोरोना वायरस संक्रमण और लॉकडाउन के बीच के सरकार ने फैसला किया है कि केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) की बढ़ोतरी को टाल दिया जाए. बताते चलें कि मार्च महीने में ही कैबिनेट ने सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 4 फीसदी की बढ़ोतरी का फैसला किया था.
मामले से जुड़े जानकारों का कहना है कि देश में संभावित आर्थिक संकट को देखते हुए ही कैबिनेट ने ये फैसला लिया है. वित्त मंत्रालय की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि कोविड-19 से उत्पन्न संकट को देखते हुए निर्णय लिया गया है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों को 1 जनवरी,2020 से देय महंगाई भत्ते का भुगतान नहीं किया जाएगा. मौजूदा 17 फीसदी की दरों को जुलाई 2021 तक लागू माना जाएगा. महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का फैसला बाद में लिया जाएगा.
पिछले साल भी बढ़ा था भत्ता
इससे पहले 10 अक्टूबर 2019 को भी केंद्रीय कर्मचारियों को यह राहत मिली थी. तब मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता पांच फीसदी बढ़ाने का ऐलान किया था. इस फैसले के बाद अब महंगाई भत्ता 12 से बढ़कर 17 फीसदी हो गया था. केंद्र सरकार के इस फैसले से लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को फायदा हुआ था. फिछले महीने ही सरकार नें महंगाई भत्इते को 17 फीसदी से बढ़ाकर 21 फीसदी करने का फैसला लिया था. भत्ते में बढ़ोतरी से लगभग 1 करोड़ 30 लाख सरकारी कर्मचारियों को लाभ मिलता.
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मार्च और सितंबर महीने में होता है डीए का भुगतान
महंगाई भत्ता और महंगाई राहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स को हर साल क्रमश: एक जनवरी और एक जुलाई से दिया जाता है और इसका भुगतान क्रमश: मार्च और सितंबर महीने में किया जाता है. आपको बता दें कि कोरोना वायरस के चलते अर्थव्यवस्था में सुस्ती आ गयी है. कई दिनों से विदेशी निवेशकों का आना कम हो गया है जिससे सेंसेक्स में भारी गिरावट दर्ज की गयी है.