इलाज के लिए आड़े नहीं आएगा पैसा! रोड एक्सीडेंट में 'कैशलेस' इलाज के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू
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इलाज के लिए आड़े नहीं आएगा पैसा! रोड एक्सीडेंट में 'कैशलेस' इलाज के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू

सड़क हादसे में शिकार हुए लोगों के इलाज में कैश की दिक्कत नहीं आएगी. सरकार रोड एक्सीडेंट पीड़ितों के लिए कैशलेस ट्रीटमेंट का पायलट प्रोजेक्ट शुरू कर दिया है. मिनिस्ट्री ऑफ रोड एंड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे ने चंडीगढ़ में इसका पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च कर दिया है.

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सड़क हादसे में शिकार हुए लोगों के इलाज में कैश की दिक्कत नहीं आएगी. सरकार रोड एक्सीडेंट पीड़ितों के लिए कैशलेस ट्रीटमेंट का पायलट प्रोजेक्ट शुरू कर दिया है. मिनिस्ट्री ऑफ रोड एंड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे ने चंडीगढ़ में इसका पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च कर दिया है. सरकार ने वोटर व्हीक्ल्स से हुए हादसों के पीड़ितों के इलाज के लिए कैशलैश ट्रीटमेंट शुरू कर दिया है. 

केंद्र सरकार ने गुरुवार को मोटर वाहनों के चलते हुए सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों के कैशलेस उपचार के लिए पायलट कार्यक्रम की शुरुआत चंड़ीगढ़ से शुरू की है. चंडीगढ़ में शुरू किए जा रहे इस कार्यक्रम का उद्देश्य गोल्डन ऑवर के दौरान सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को समय पर डॉक्टरी ट्रीटमेंट देना है.  पायलट प्रोग्राम के तहत 1.5 लाख रूपए का कैश लेस इलाज, एक्सीडेंट से 7 दिनों तक इलाज की व्यवस्था की जा रही है.  इस स्कीम के तहत किसी भी तरह के वाहन से हुए एक्सीडेंट को कवर करने के लिए क्लेम की रकम मोटर व्हीकल एक्सीडेंट फंड के जरिए खर्च होगी.  

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने कहा है कि सरकार सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों को कम करने की कोशिश कर रही है. मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 162 के तहत किसी भी मोटर वाहनों के उपयोग से हुई दुर्घटना के पीड़ितों को कैशलेस उपचार दिया जाएगा. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय पायलट प्रोजेक्ट के तहत इसकी खामियों को दूर कर इसे और बेहतर बनाने की कोशिश कर रही है.  

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