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मुंबई : कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सरकार से मुद्रा को आरबीआई के दायरे से बाहर निकालने का अनुरोध करते हुए कहा कि केन्द्रीय बैंक देश में लघु उद्यमियों को पर्याप्त ऋण सुविधा की व्यवस्था कराने में विफल रहा है।
सरकार द्वारा माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेन्सी (मुद्रा) का गठन लघु कारोबारियों को आसान ऋण उपलब्ध कराने के ध्येय के साथ किया गया है। कैट ने एक बयान में कहा, 'हमने वित्त मंत्री अरुण जेटली से संसद में एक कानून पारित कर मुद्रा को आरबीआई के चंगुल से बाहर निकालने और मुद्रा को एक स्वतंत्र नियामक बनाने का अनुरोध किया है जो गैर-कॉर्पोरेट क्षेत्र की जरूरतें पूरी करने वाले मौजूदा वित्तीय तंत्र का विनियमन करे।'
कन्फेडरेशन ने कहा कि मुद्रा ऋणों का आवंटन अन्य वित्तीय संस्थानों के बजाय वाणिज्यिक बैंकों द्वारा किया जा रहा है, जबकि मुद्रा योजना शुरू करते समय इसके तहत ऋण अन्य वित्तीय संस्थानों के माध्यम से दिए जाने की अवधारणा पेश की गई थी।