Investment Tips: इंवेस्टमेंट के कई सारे तरीके मौजूद हैं. इनमें से कुछ लोग रिस्की तरीका भी अपनाते हैं. रिस्की इंवेस्टमेंट के माध्यम में Mutual Fund और Equity का नाम सबसे पहले आता है.
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Share Market Investment: आजकल कमाई के कई सारे तरीके मौजूद है. लोग अपनी कमाई से कुछ बची हुई रकम को कहीं न कहीं इंवेस्ट भी करते हैं. निवेश के लिए कई सारे तरीके मौजूद है, जिनमें एफडी/आरडी, गोल्ड, शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड आदि शामिल हैं. एफडी/आरडी और गोल्ड को जहां सेफ इंवेस्टमेंट माना जाता है तो वहीं शेयर बाजार (Share Market) और म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में रिस्क भी रहता है. हालांकि म्यूचुअल फंड और डायरेक्ट शेयर बाजार में इंवेस्टमेंट करने में काफी फर्क भी है. मार्केट एक्सपर्ट हरिंदर साहू (Harinder Sahu) ने म्यूचुअल फंड और इक्विटी के बारे में विस्तार से भी बताया है.
इनडायरेक्ट तरीका
किंग रिसर्च एकेडमी के फाउंडर हरिंदर साहू ने बताया कि म्यूचुअल फंड में कई सारे शेयर शामिल होते हैं और इनका एक फंड बनाया जाता है. इसके बाद इस फंड को एक मैनेजर के जरिए मैनेज किया जाता है. हम अपना पैसा भी उस मैनेजर के भरोसे पर ही इंवेस्ट करते हैं. सीधे शब्दों में कहें तो हम अपना पैसा किसी और को निवेश करने के लिए दे रहे हैं. यहां इनडायरेक्ट तरीक से शेयर बाजार में निवेश किया जाता है.
डायरेक्ट तरीका
हरिंदर साहू ने बताया कि वहीं अगर इक्विटी की बात की जाए तो हम अगर शेयर मार्केट का थोड़ा भी ज्ञान हासिल कर लें तो डायरेक्ट इक्विटी में भी निवेश कर खुद अपने शेयर को मैनेज कर सकते हैं. ऐसे में म्यूचुअल फंड की तरह यहां कोई बिचौलिया नहीं होगा.
रिटर्न
हरिंदर साहू के मुताबिक म्यूचुअल फंड और इक्विटी के रिटर्न में भी अंतर देखने को मिलता है. म्यूचुअल फंड सालाना 10-15 फीसदी रिटर्न की बात करते हैं लेकिन अगर डायरेक्ट इक्विटी में पैसा इंवेस्ट किया जाए और लॉन्ग टर्म के लिए उसे होल्ड किया जाए तो रिटर्न ज्यादा भी मिल सकता है.
यहां देखें Mutual Fund vs Equity से जुड़ी पूरी डिटेल
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