New Wage Code Impact: कर्मचारियों के भत्तों में होगी कटौती! ऊंची सैलरी वालों पर पड़ेगी ज्यादा टैक्स की मार, समझिए कैसे
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New Wage Code Impact: कर्मचारियों के भत्तों में होगी कटौती! ऊंची सैलरी वालों पर पड़ेगी ज्यादा टैक्स की मार, समझिए कैसे

New Wage Code: नए वेज कोड को लेकर एक बार चर्चा शुरू हो गई है. इसमें प्रस्तावित नियमों में इंडस्ट्रीज की ओर से कुछ चिंताएं जताई गईं हैं. जब नया Wage Code लागू होगा तो कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा.

New Wage Code

नई दिल्ली: New Wage Code: पिछले साल साल New Wage Code लागू करने की तैयारी थी, लेकिन इसे टाल दिया गया. कुछ राज्य इसे लागू करने को लेकर तैयार नहीं थे, लेकिन अब इसे लागू करने पर फिर से चर्चा शुरू हो गई है. जब नया Wage Code लागू होगा तो कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. लेकिन ये बदलाव हर कर्मचारी के लिए अलग अलग होगा. आइए जानते हैं आप पर क्या पड़ेगा असर?

  1. नए Wage Code के नियमों पर हो रही है चर्चा 
  2. नए नियमों की वजह से कंपनियां भत्तों में कटौती कर सकती है 
  3. ऊंची सैलरी वालों पर टैक्स देनदारी ज्यादा हो जाएगी

क्या है नया Wage Code?

वेज कोड 2019 के मुताबिक कर्मचारी की बेसिक सैलरी टोटल सैलरी या कॉस्ट टू कंपनी (CTC) का 50 परसेंट होनी चाहिए, इससे कम नहीं हो सकती है. अभी ज्यादातर कंपनियां कर्मचारियों की बेसिक सैलरी कम रखती हैं और भत्तों की संख्या ज्यादा रहती है. लेकिन जैसे ही नया वेज कोड लागू होगा मौजूदा सिस्टम बिल्कुल बदल जाएगा. कंपनियों को कर्मचारियों की बेसिक सैलरी CTC का 50 परसेंट या इससे ज्यादा रखनी होगी. ऐसी स्थिति में दूसरे कंपोनेंट जैसे प्रॉविडेंट फंड और ग्रेच्युटी के योगदान पर भी असर पड़ेगा. बेसिक सैलरी का परसेंट ज्यादा होने पर PF का योगदान भी बढ़ेगा और ग्रेच्युटी की रकम भी ज्यादा कटेगी. क्योंकि ये दोनों ही कंपोनेंट बेसिक सैलरी पर ही कैलकुलेट होते हैं. 

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टेक होम सैलरी घट जाएगी!

जब PF और ग्रेच्युटी का योगदान बढ़ जाएगा, तो इसका सीधा असर 'टेक होम सैलरी' पर पड़ेगा. कर्मचारियों के हाथ में हर महीने कम सैलरी आएगी, लेकिन दूसरी तरफ उनका रिटायरमेंट बेहतर होगा. क्योंकि PF और ग्रेच्युटी की रकम ज्यादा मिलेगी. यानी जब कर्मचारी जॉब से रिटायर होगा तो उसके पास बुढ़ापा गुजारने के लिए ज्यादा पैसा होगा. 

भत्तों में कटौती करेंगी कंपनियां?

आपको बता दें कि किसी कर्मचारी के CTC में कई तरह के कंपोनेंट होते हैं. जैसे- बेसिक सैलरी, हाउस रेंट अलाउंस (HRA), रिटायरमेंट बेनेफिट्स PF और ग्रेच्युटी और कुछ टैक्स फ्रेंडली भत्ते जैसे- LTC और एंटरटेनमेंट भत्ते. अब जब नया वेज कोड लागू होगा तो कंपनियों को नए सिरे से पूरा सैलरी स्ट्रक्चर डिजाइन करना होगा. जिसमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि CTC में शामिल ये सभी भत्ते 50 परसेंट से ज्यादा नहीं होने पाएं, क्योंकि बाकी 50 परसेंट सिर्फ बेसिक सैलरी का होगा. ऐसे में कंपनियों को कुछ भत्तों में कटौती करनी पड़ सकती है, जो कि थोड़ा ज्यादा होंगे. 

किसे होगा फायदा, किसे नुकसान?

हालांकि नया वेज कोड लागू होने का असर सभी कर्मचारियों पर पड़ेगा. क्योंकि उनके रिटायरमेंट बेनेफिट्स बढ़ेंगे और उनकी मंथली टेक होम सैलरी में कटौती होगी. इसमें ध्यान देने वाली ये है कि ऐसे कर्मचारी जिनकी सैलरी कम है, उनकी टेक होम सैलरी पर ज्यादा असर नहीं होगा, जबकि ऊंची सैलरी वालों को ज्यादा झटका लगेगा. क्योंकि कम सैलरी वालों के मुकाबले इन्हें ज्यादा भत्ते भी मिलते हैं. कंपनियों ऊंची सैलरी वालों के भत्तों में कटौती करेंगी, ताकि 50 परसेंट की लिमिट में समेटा जा सके. ऊंची सैलरी वालों का PF योगदान भी ज्यादा कटेगा और ग्रेच्युटी भी ज्यादा कटेगी. जिसके चलते उनकी टेक होम सैलरी काफी कम हो जाएगी.  

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टैक्स भी ज्यादा देना होगा?

कंपनियां बेसिक पे कंपोनेंट के मुकाबले भत्तों का कंपोनेंट ज्यादा इसलिए रखती हैं ताकि कर्मचारी का टैक्स बच सके. लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा. पहले जहां कुल CTC में बेसिक पे का हिस्सा 25-40 परसेंट होता था, अब 50 परसेंट से कम नहीं होगा. टैक्स एक्सपर्ट्स के मुताबिक सैलरी रीस्ट्रक्चरिंग की वजह से ऊंची सैलरी वाले कर्मचारियों टैक्स लायबिलिटी बढ़ जाएगी, क्योंकि उनका बेसिक पे 50 परसेंट होगा और भत्तों के जरिए टैक्स बचाने के रास्ते कम हो जाएंगे. 

दूसरी तरफ कम सैलरी वाले कर्मचारियों को टैक्स की मार ज्यादा नहीं पड़ेगी या पड़ेगी भी तो नहीं के बराबर होगी, साथ ही उन्हें रिटायरमेंट बेनेफिट्स का फायदा मिलेगा सो अलग. इसलिए ऐसा लगता है कि नया वेज कोड लो और मिडिल इनकम क्लास के कर्मचारियों के लिए ज्यादा परेशानी का सबब नहीं बनेगा, लेकिन ऊंची कमाई वालों पर असर डालेगा. 

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