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नई दिल्ली: एक अप्रैल, 2021 से लागू होने जा रहे नए वेज कोड (New Wage Code) को फिलहाल टाल दिया गया है. इससे कंपनियों के साथ-साथ कर्मचारियों को भी बड़ी राहत मिली है. श्रम मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, नए वेज कोड को फिलहाल कुछ समय के लिए टाल दिया गया है. ऐसे में 1 अप्रैल, 2021 से कर्मचारियों की सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव नहीं होगा, जिससे अब टेक-होम सैलरी (Take Home Salary) में कमी नहीं आएगी.
EPFO बोर्ड के सदस्य विजय उपाध्याय (Virjesh Upadhyay) ने नए वेज कोड के स्थगित होने की पुष्टि की है. हमारी सहयोगी वेबसाइट Zeebiz.com के मुताबिक, उन्होंने कहा है कि नए वेज कोड पर अभी और विचार-विमर्श किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आगे का फैसला जल्द लिया जाएगा.
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गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों से नया वेज कोड सुर्खियों में बना हुआ है. कहा जा रहा था कि नया वेज कोड 1 अप्रैल से लागू होगा. हालांकि, आधिकारिक तौर पर सरकार की ओर से इसे लेकर कुछ भी नहीं कहा गया था. जानकार ये भी कह रहे थे कि बताए जा रहे वेज कोड में व्यवहारिक खामियां हैं, इसलिए इसे लागू नहीं किया जा सकता.
वेज कोड एक्ट (Wage Code Act), 2019 के मुताबिक, किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी कंपनी की लागत (CTC) के 50 परसेंट से कम नहीं हो सकती है. अभी कई कंपनियां बेसिक सैलरी को काफी कम करके ऊपर से भत्ते ज्यादा देती हैं ताकि कंपनी पर बोझ कम पड़े.
वेज कोड एक्ट (Wage Code Act), 2019 के लागू होने के बाद कर्मचारियों का सैलरी स्ट्रक्चर पूरी तरह बदल जाएगा. कर्मचारियों की '(Take Home Salary' घट जाएगी, क्योंकि Basic Pay बढ़ने से कर्मचारियों का PF ज्यादा कटेगा यानी उनका भविष्य ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा. पीएफ के साथ-साथ ग्रैच्युटी (Monthly Gratuity) में भी योगदान बढ़ जाएगा. यानी टेक होम सैलरी जरूर घटेगी लेकिन कर्मचारी को रिटायरमेंट पर ज्यादा रकम मिलेगी.
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मूल वेतन (Basic Pay) बढ़ने से कर्मचारियों (Employees) का पीएफ (PF) ज्यादा कटेगा, तो उनकी टेक-होम सैलरी (Take Home Salary) घट जाएगी. लेकिन, उनका भविष्य ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा. इससे उनकी सेवानिवृत्ति (Retirement) पर ज्यादा लाभ मिलेगा, क्योंकि भविष्य निधि (PF) और मासिक ग्रैच्युटी (Monthly Gratuity) में उनका योगदान बढ़ जाएगा.
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आपको बता दें कि कर्मचारियों का सीटीसी (CTC) कई फैक्टर्स पर निर्भर करता है. जैसे बेसिक सैलरी, मकान का किराया (HRA), PF, ग्रेच्युटी, LTC और मनोरंजन भत्ता वगैरह. नया वेतन कोड नियम लागू होने पर कंपनियों को यह तय करना होगा कि बेसिक सैलरी को छोड़कर (CTC) में शामिल किए जाने वाले दूसरे फैक्टर 50 परसेंट से ज्यादा न होने पाएं. ये कंपनियों का सिरदर्द बढ़ा सकता है.