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दिल्ली: मोदी सरकार अब बुजुर्गों को भी आत्मनिर्भर बनाने जा रही है. राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में सामाजिक न्याय और अधिकारिता (Social Justice and Empowerment) राज्य मंत्री रामदास आठवले (Ramdas Athawale) ने कहा है कि अनाथालय में रह रहे बुजुर्गों के लिए मोदी सरकार एक बड़ा फैसला करने जा रही है. इस बात की जानकरी केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले (Ramdas Athawale) ने राज्यसभा में दी है.
मोदी सरकार किस तरह से अनाथालय में रह रहे बुजुर्गों के दिन सुधारेगी ये तो अभी खुलासा नहीं हुआ है लेकिन ये माना जा रहा है कि जैसे जेल में रहने वाले कैदी काम करके पैसे कमाते हैं, ऐसी ही कोई योजना मोदी सरकार अनाथ बुजुर्गों के लिए ला सकती है. इस योजना के तहत बुजुर्ग आराम से पैकिंग, कटिंग, डिजाइनिंग जैसा कोई काम कर सकेंगे और इसके एवज में उन्हें इतना पैसा मिलेगा कि उनका गुजारा आराम से हो जाएगा.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश भर में 600 से अधिक बुजुर्ग आश्रय गृह (Old Age Home) हैं जिनमें 30,000 से ज्यादा बुजुर्ग लोग जिंदगी का आखिरी दौर काट रहे हैं. वैसे Old Age Home रहने-खाने की सुविधा मिलती है लेकिन एक तरह से बुजुर्गों को दूसरों पर मोहताज रहना पड़ता है. इन्हीं बुजुर्गों के आत्म सम्मान के लिए मोदी सरकार बड़ा फैसला करने जा रही है.
वित्तीय वर्ष 2021-22 में बुजुर्गों के लिए पोषण सहायता योजना के दायरे में 2000 ग्राम पंचायतों और 200 नगरपालिकाओं को लिया जाएगा और 55 हजार बुजुर्गों को सहायता दी जाएगी. इसके लिए 39.6 करोड़ रुपये का फंड तय किया गया है. इसी तरह 2022-23 में 5000 ग्राम पंचायतें और 500 नगर पालिकाएं इस योजना के तहत लाई जाएंगी. कांग्रेस सांसद नीरज डांगी के राज्यसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में रामदास आठवले ने ये भी कहा कि सरकार ने ऐसा कोई सर्वे नहीं कराया है जिससे यह पता चल सके कि कितने बुजुर्गों को पोषण की जरूरत है लेकिन 2011 की जनगणना के मुताबिक देश में बुजुर्गों की संख्या 10 करोड़ से ज्यादा है.
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