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नई दिल्ली: देश के कई राज्यों में कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बुधवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों को अहम संदेश दिया और कहा कि छोटे शहरों में कोरोना वायरस के संक्रमण को बढ़ने से रोकना जरूरी है. इसके लिए छोटे शहरों में टेस्टिंग बढ़ाना होगा.
बैठक को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा, 'अगर हम महामारी को नहीं रोकते हैं, तो यह एक राष्ट्रीय प्रकोप जैसी स्थिति पैदा कर सकती है. हमें जल्द से जल्द कोरोना वायरस की दूसरी लहर को रोकना चाहिए. इसके लिए हमें तेजी से निर्णायक कदम उठाने की जरूरत है.' उन्होंने आगे कहा, 'कोरोना के खिलाफ देश की लड़ाई को एक साल से ज्यादा हो रहा है. भारत के लोगों ने कोरोना का जिस प्रकार सामना हो रहा है, उसे लोग उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करते हैं. आज देश में 96 प्रतिशत से ज्यादा मामले रिकवर हो चुके हैं. मृत्यु दर में भी भारत सबसे कम दर वाले देशों में है.'
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से कोरोना संक्रमण रोकने को लेकर सुझाव मांगे हैं. उन्होंने मुख्यमंत्रियों से कहा कि संक्रमण रोकने के लिए 2-4 घंटे में आप अपने सुझाव भेंजें. मैं इस पर आज ही फैसला लूंगा.
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पीएम मोदी ने कहा, 'कुछ राज्यों में केसों की संख्या बढ़ रही है. देश के 70 जिलों में ये वृद्धि 150 प्रतिशत से ज्यादा है. हमें कोरोना की इस उभरती हुई 'सेकंड पीक' को तुरंत रोकना होगा. इसके लिए हमें तेज और कड़े कदम उठाने होंगे.' उन्होंने आगे कहा, 'कोरोना की लड़ाई में हम आज जहां तक पहुंचे हैं, उससे आया आत्मविश्वास, लापरवाही में नहीं बदलना चाहिए. हमें जनता को पैनिक मोड में भी नहीं लाना है और परेशानी से मुक्ति भी दिलानी है. हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि लोग पैनिक मोड में न जाएं. हमें पहल करनी होगी और लोगों को इन समस्याओं से मुक्त करना होगा. हमें अपने प्रयासों में अपने अनुभवों का उपयोग करना होगा.'
पीएम मोदी ने कहा, 'टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट को लेकर भी हमें उतनी ही गंभीरता की जरूरत है जैसे कि हम पिछले एक साल से करते आ रहे हैं. हर संक्रमित व्यक्ति के कॉन्टैक्ट को कम से कम समय में ट्रैक करना और RT-PCR टेस्ट रेट 70 प्रतिशत से ऊपर रखना बहुत अहम है.' उन्होंने आगे कहा, 'हमें छोटे शहरों में टेस्टिंग को बढ़ाना होगा. हमें छोटे शहरों में 'रेफरल सिस्टम' और 'एम्बुलेंस नेटवर्क' के ऊपर विशेष ध्यान देना होगा.'
पीएम मोदी ने कहा, 'हर संक्रमित व्यक्ति के संपर्कों को जल्द से जल्द ट्रैक करना होगा और RT-PCR दर को 70% से अधिक रखना होगा. कई राज्यों में, तेजी से एंटीजन परीक्षण पर जोर दिया जा रहा है, जिसमें परिवर्तन की आवश्यकता है. देश के हर राज्य को RT-PCR टेस्ट पर अधिक जोर देने की जरूरत है.' उन्होंने आगे कहा, 'देश में वैक्सीनेशन की गति लगातार बढ़ रही है. हम एक दिन में 30 लाख लोगों को वैक्सीनेट करने के आंकड़े को भी पार कर चुके हैं. लेकिन इसके साथ ही हमें वैक्सीन डोज खराब होने की समस्या को बहुत गंभीरता से लेना है.'
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और केंद्र सरकार ने इसे कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत बताया है. इसको लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने पिछले सप्ताह केंद्रीय टीम के दौरे के बाद महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को एक पत्र लिखा है. केंद्रीय टीम ने बताया है कि महाराष्ट्र कोरोना की दूसरी लहर से गुजर रहा है और संक्रमण रोकने के लिए कारगर उपाय किए जाने जरूरत है. उन्होंने बताया है कि ट्रैकिंग, टेस्टिंग, अलग-अलग मामलों और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग करना जरूरी है.
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस का रिप्रोडक्शन (प्रजनन) नंबर या आर नंबर 1.34 है. आर नंबर का मतलब है कि एक संक्रमित व्यक्ति औसतन और कितने लोगों को संक्रमित कर सकता है, यानी किसी वायरस में फैलने की कितनी क्षमता है. अगर ये नंबर एक से ज्यादा होती है तो महामारी के बढ़ने की आशंका ज्यादा होती है. अगर यहां कोरोना वायरस के मामलों की संख्या घटानी है तो आर नंबर को 1 से नीचे लाना होगा. महाराष्ट्र में कोविड-19 के मामले नागपुर, औरंगाबाद, अमरावती, ठाणे और मुंबई में गंभीर हैं.
महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग की ओर से मंगवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 17864 नए मामले सामने आए, जबकि 87 मरीजों की मौत हुई. इस साल प्रतिदिन सामने आने वाले मामलों में यह आंकड़ा सबसे ज्यादा है. इसके बाद महाराष्ट्र में कोविड-19 के कुल मामले बढ़कर 23,47,328 हो गए हैं और मृतकों की संख्या 52,996 पहुंच गई है. राज्य में अब तक कोरोना वायरस 21,54,253 मरीज ठीक हो चुके हैं और 1,38,813 मरीजों का इलाज चल रहा है.