संयुक्त राष्ट्र के व्यापार एवं विकास सम्मेलन (UNCTAD) ने रिपोर्ट में कहा है कि भारत में कोविड- 19 (Coronavirus) के बाद कमजोर लेकिन सकारात्मक आर्थिक वृद्धि (Economic Growth) हासिल होने और भारत के व्यापक बाजार देश के लिये निवेश आकर्षित करते रहेंगे.
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नई दिल्ली: आर्थिक मजूबती के लिए अब पूरी दुनिया में भारत का डंका बजने लगा है. अंतरराष्ट्रीय कंपनियां भारत को निवेश के लिए एक शानदार देश मानने लगी है. यही कारण है कि अब दुनियाभर के निवेशक भारत की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) में पैसा लगाने लगे हैं. संयुक्त राष्ट्र (United Nation) की ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत की स्थिति आने वाले दिनों में भी मजबूत रहने वाली है.
FDI के मामले में भारत टॉप 10 रैंकिंग में शामिल
संयुक्त राष्ट्र के व्यापार एवं विकास सम्मेलन (UNCTAD) ने सोमवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार भारत 2019 में 51 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) हासिल करने साथ वर्ष के दौरान दुनियाभर में नौवें नंबर पर रहा. इससे पिछले वर्ष 2018 में भारत को 42 अरब डॉलर का एफडीआई प्राप्त हुआ था. तब भारत एफडीआई पाने वाले शीर्ष 20 देशों में 12वें नंबर पर रहा था.
कोरोना महामारी के बावजूद देश की स्थिति मजबूत
संयुक्त राष्ट्र के व्यापार एवं विकास सम्मेलन (UNCTAD) ने रिपोर्ट में कहा है कि भारत में कोविड- 19 (Coronavirus) के बाद कमजोर लेकिन सकारात्मक आर्थिक वृद्धि (Economic Growth) हासिल होने और भारत के व्यापक बाजार देश के लिये निवेश आकर्षित करते रहेंगे.
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विकासशील एशिया क्षेत्र में भारत सबसे ज्यादा FDI प्राप्त करने वाले शीर्ष पांच देशों में शामिल रहा. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 में दुनियाभर में प्रतयक्ष विदेशी निवेश में 40 प्रतिशत तक गिरावट आने का अनुमान लगाया गया है. यह गिरावट 2019 में हुये 1,540 अरब डॉलर के प्रवाह के मुकाबले आ सकती है.
यदि ऐसा होता है तो यह 2005 के बाद पहला अवसर होगा कि दुनिया के देशों में FDI पहली बार एक हजार अरब डॉलर के आंकड़े से नीचे आ जायेगा. कोरोना वायरस महामारी के चलते एशिया के विकासशील देशों में एफडीआई प्रवाह 2020 में 45 प्रतिशत तक घटने का अनुमान लगाया गया है. दक्षिण एशिया के देशों में भी एफडीआई में 2020 के दौरान गिरावट आने का अनुमान है.