डेबिट और क्रेडिट कार्ड आपके साथ होता है, लेकिन उससे ट्रांजैक्शन कर लिया जाता है. इस तरह फ्रॉड की घटना लगातार बढ़ती जा रही है.
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नई दिल्ली: ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड बहुत बड़ी समस्या हो गई है. आपका क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड आपके पास ही रहता है और अचानक से उससे ट्रांजैक्शन होने लगते हैं. उस समय आपको समझ में नहीं आता है कि ऐसा कैसे हो सकता है, क्योंकि कार्ड आपके पास हैं. दिन-ब-दिन ऐसी शिकायतें बढ़ती जा रही हैं. आज की ही घटना है हमारे एक सहयोगी ऑफिस में काम कर रहे थे. अचानक से उनके फोन पर मैसेज आया कि क्रेडिट कार्ड से 10 हजार रुपये कैश निकाले गए हैं. क्रेडिट कार्ड उनके पास ही था. जब तक वो कुछ समझ पाते तब तक उनके पास कई और मैसेज आ गए. जब उन्होंने बैंक के कस्टमर केयर को फोन कर इसकी सूचना दी तो उन्हें बताया गया कि आपके क्रेडिट कार्ड से 34000 रुपये कैश निकाले गए हैं. उन्होंने तुरंत अपने कार्ड को ब्लॉक करवाया और इसकी शिकायत की. यह घटना किसी के साथ किसी भी वक्त हो सकती है. ऐसे में आपको क्या करना है, इस आर्टिकल में उसी के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं.
आपको क्या करना है उसके बारे में बताने से पहले आपको बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 6 जुलाई 2017 को एक अधिसूचना जारी की. अधिसूचना के मुताबिक अगर आपके साथ फ्रॉड हुआ है और आप यह साबित करने में सफल होते हैं तो, आपके नुकसान की भरपाई बैंक करेगी.
क्या है RBI का नया नियम?
RBI की अधिसूचना के मुताबिक बैंक अपने उन्हीं ग्राहकों को इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजैक्शन की सुविधा देगा, जिनके मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड हैं. ऑनलाइन बैंकिंग में ग्राहकों के जानकारी की सुरक्षा की जिम्मेदारी बैंक की है. अगर आपके साथ फ्रॉड होता है तो तुरंत इसकी सूचना बैंक को दे. सूचना देने में जितनी देरी होगी, जुर्माना उतना ज्यादा होगा.
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ग्राहक गलत भुगतान के लिए जिम्मेदार नहीं
अगर फ्रॉड बैंक की लापरवाही की वजह से हुआ है तो इसके लिए ग्राहक को भुगतान नहीं करना होगा. ऑनलाइन फ्रॉड अगर किसी तिसरी पार्टी की भी वजह से होता है तो ग्राहक भुगतान करने के लिए बाध्य नहीं है. हालांकि, उसे 72 घंटे के भीतर बैंक को यह जानकारी देनी होगी. थर्ड पार्टी में हैकर, स्कैमर और फर्जीवाड़ा करने वाले लोग शामिल हो सकते हैं. इस तरह के फ्रॉड एटीएम के टैपिंग, वाई-फाई के साथ छेड़छाड़, एटीएम सर्वर या बैंक सर्वर में वायरस, दुकानों में पेमेंट के दौरान चुराई गई जानकारी या निजी कंप्यूटर के जरिए किए जाते हैं.
सहयोगी वेबसाइट ज़ीबिज़ ने इसको लेकर बहुत अच्छी रिपोर्ट तैयार की है. अनाधिकृत इलेक्ट्रोनिक लेन-देन के मामले में बैकों को 10 कामकाजी दिनों के भीतर ग्राहकों को पैसा लौटाना होता है. डेबिट कार्ड या बैंक खाते द्वारा किए गए फ्रॉड में बैंकों को सुनिश्चित करना होगा कि ग्राहकों को ब्याज भी मिले. क्रेडिट कार्ड से फ्रॉड होने की स्थिति में ग्राहक पर ब्याज का बोझ न पड़े.
ऐसे करना है शिकायत
आरबीआई द्वारा जारी दिशानिर्देशों में साफ कहा गया है कि बैंकों के लिए 24x7 शिकायत की सुविधा उपलब्ध करवाना अनिवार्य है. यह शिकायत एसएमएस, ई-मेल या आईवीआर के जरिए की जा सकती है. साथ ही कुछ बैंक ग्राहकों को बैंक के मैसेज पर रिप्लाई के जरिए भी सूचित करने की सुविधा देते हैं.
आपको क्या करना चाहिए
1. सबसे पहले तो अपनी बैंक खाते से जुड़ी कोई भी जानकारी किसी को भी न दें.
2. आपके साथ ऐसा कोई धोखा हो तो इसकी सूचना सबसे पहले अपने बैंक को दें.
3. अपने पिन, पासवर्ड और इस तरह की जानकारी को बहुत ही सुरक्षित तरीके से रखें.
4. ध्यान रखें की आरबीआई बैंक के ग्राहकों को कॉल, ई-मेल या मैसेज नहीं करता है.
5. किसी भी प्रकार के लालच में आने से बचें क्योंकि यह आपको काफी महंगा पड़ सकता है.
6. पूर्व आरबीआई गर्वनर रघुराम राजन ने अपनी किताब में लिखा, "तकनीक ने हमारे फाइनेंस पर अच्छा और बुरा, दोनों तरह का असर डाला है."