Petrol Diesel In GST: पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमतों से आम आदमी को राहत मिल सके इसका रास्ता निकालने की कोशिश में मोदी सरकार जुट गई है. दरअसल पेट्रोल डीजल की महंगाई में सबसे बड़ा हिस्सा केंद्र सरकार और राज्य सरकारों का टैक्स है.
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नई दिल्ली: Petrol Diesel In GST: पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमतों से आम आदमी को राहत मिल सके इसका रास्ता निकालने की कोशिश में मोदी सरकार जुट गई है. दरअसल पेट्रोल डीजल की महंगाई में सबसे बड़ा हिस्सा केंद्र सरकार और राज्य सरकारों का टैक्स है. सरकार अब पेट्रोल डीजल को GST के दायरे में लाने पर गंभीरता से विचार कर रही है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को कहा कि अगर पेट्रोल और डीजल को Goods and Services Tax (GST) के दायरे में लाने के सुझावों पर GST काउंसिल की अगली बैठक में चर्चा होती है तो मुझे खुशी होगी.
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आपको बता दें कि पेट्रोल डीजल की रीटेल कीमत में राज्यों के वैट और केंद्र सरकार की एक्साइज ड्यूटी का हिस्सा 50 परसेंट से भी ज्यादा है. पेट्रोल में 60 परसेंट हिस्सा सरकारों के टैक्स का होता है, इसमें 36 परसेंट हिस्सा एक्साइज ड्यूटी का होता है, जिसे केंद्र सरकार की ओर से वसूला जाता है. जबकि डीजल के रीटेल प्राइस में 53 परसेंट हिस्सा कुल टैक्स को होता है, इसमें भी 39 परसेंट हिस्सा सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी का है.
लोकसभा में Finance Bill 2021 पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर पेट्रोल और डीजल पर टैक्स लगाती हैं. हालांकि केंद्र अपने टैक्स कलेक्शन का हिस्सा राज्यों के साथ साझा करता है. उन्होंने कहा कि आज की चर्चा के बाद मुझे ईमानदारी से लगता है, बहुत से राज्य इसे देख रहे होंगे. अगर अगली GST काउंसिल की बैठक में ये मुद्दा आता है तो इस पर चर्चा करने में मुझे खुशी होगी, मुझे इसमें कोई समस्या नहीं है. राज्य आएं और चर्चा करें, जो भी फैसला होगा GST काउंसिल में होगा.
आपको बता दें कि दिल्ली और महाराष्ट्र सरकारें ये सुझाव दे चुकी हैं कि पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाया जाए. वित्त मंत्री सीतारमण भी ये सुझाव पहले ही दे चुकी हैं. हालांकि सरकार ने भी संसद में ही माना है कि उनके पास अबतक ऐसा कोई सुझाव नहीं आया है जिसमें पेट्रोल डीजल को GST के दायरे में लाने की बात कही गई हो.
पेट्रोल और डीजल के दाम बीते 9 महीने से लगातार बढ़ रहे हैं, हालांकि आज कीमतों में 17 पैसों की मामूली कटौती जरूर हुई है. NCP की सुप्रिया सुले ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा, उन्होंने कहा कि केंद्र की एक्साइज ड्यूटी 38 रुपये प्रति लीटर है जबकि राज्य 19 रुपये प्रति लीटर वैट लेते हैं. ऐसे में पहले केंद्र सरकार को अपना एक्साइज कम करना चाहिए.
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