अब 'पेंशन' में आने वाली है 'गारंटीड रिटर्न' की नई स्कीम, देखिए क्या होगा फायदा
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अब 'पेंशन' में आने वाली है 'गारंटीड रिटर्न' की नई स्कीम, देखिए क्या होगा फायदा

देश के लाखों पेंशनधारकों के लिए बड़ी खुशखबरी है. सरकार एक नई स्कीम लेकर आने वाली है. पेंशन फंड रेग्युलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) का कहना है कि जल्द ही न्यूनतम रिटर्न की गारंटी वाली पेंशन स्कीम आएगी, जिसकी तैयारी चल रही है.

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली: देश के लाखों पेंशनधारकों के लिए बड़ी खुशखबरी है. सरकार एक नई स्कीम लेकर आने वाली है. पेंशन फंड रेग्युलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) का कहना है कि जल्द ही न्यूनतम रिटर्न की गारंटी वाली पेंशन स्कीम आएगी, जिसकी तैयारी चल रही है. PFRDA इस स्कीम को मौजूदा वित्त वर्ष में ही कर सकता है.  

  1. जल्द आएगी गारंटीड पेंशन रिटर्न की नई स्कीम
  2. स्कीम के लिए PFRDA कर रहा है तैयारी
  3.  PFRDA की पहली गारंटी वाली स्कीम 

स्कीम की रूपरेखा तैयार होगी
PFRDA के अध्यक्ष सुप्रतिम दास बंदोपाध्याय का कहना है कि 'इस बारे में पेंशन फंड्स और एक्चुरियल फर्मों (actuarial firms) से बातचीत चल रही है. इस बातचीत के आधार पर योजना की रूपरेखा तैयार की जाएगी. PFRDA कानून के तहत एक न्यूनतम सुनिश्चित रिटर्न की योजना शुरू करने की अनुमति है. पेंशन फंड योजनाओं के तहत मैनेज किए जा रहे फंड को मार्क-टू-मार्केट (mark-to-market) किया जाता है. जाहिर है, इसमें कुछ उतार-चढ़ाव होते रहते हैं. इनका मूल्यांकन बाजार की स्थिति को देखकर होता है.'

सुप्रतिम दास बंदोपाध्याय ने कहा कि 'पेंशन फंड में न्यूनतम सुनिश्चित रिटर्न देने के लिए  PFRDA पेंशन फंड प्रबंधकों और एक्चुरियल फर्मों के साथ बातचीत चला रही है. इसका मकसद यह तय करना है कि पेंशन की न्यूनतम गांरटी का क्या स्तर हो, जो दिया जा सकता है.' 

PFRDA का कहना है कि पेंशन की इस योजना की गारंटी बाजार से जुड़ी होगी. फंड मैनेजरों को ही निवेश पर मिलने वाले मुनाफे में से गारंटी वाले हिस्से को तय करना होगा

ऐसी स्कीम अबतक नहीं बनी 
PFRDA ने नेशनल पेंशन स्कीम ( NPS) और अटल पेंशन योजना (APY) को बनाने और फीचर्स जोड़ने में काफी काम किया है, लेकिन ये सभी केंद्र सरकार की योजनाएं हैं. PFRDA जो स्कीम लाने की योजना बना रहा है, वह उसकी अपनी पहली वास्तविक स्कीम होगी. ये खास इसलिए भी होगी कि PFRDA अभी तक ऐसी कोई गारंटी वाली स्कीम नहीं चलाता है. 

NPS में सब्सक्राइबर्स को हर महीने, तिमाही या छमाही एक तय राशि का निवेश करना होता है. रिटायरमेंट के बाद सब्सक्राइबर्स को एक निश्चित राशि पेंशन के रूप में दी जाती है. नेशनल पेंशन स्कीम की शुरुआत केंद्र सरकार ने 1 जनवरी, 2004 को की थी. इस तारीख के बाद ज्वाइन करने वाले सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए यह योजना जरूरी है.  

निजी क्षेत्र के कर्मचारी भी हो सकते शामिल
साल 2009 के बाद इस योजना को निजी सेक्टर में काम करने वालों के लिए भी खोल दिया गया. रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी NPS का एक हिस्सा निकाल सकते हैं, वहीं बाकी रकम से रेग्युलर इनकम के लिए एन्युटी ले सकते हैं. नेशनल पेंशन स्कीम में 18 से 60 साल का कोई भी व्यक्ति ले सकता है 

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