7th Pay Commission: देश के 1 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी है, केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ता (DA) में बढ़ोतरी कर दी है, साथ ही महंगाई राहत (DR) को भी बहाल (Restore) कर दिया है. 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 61 लाख पेंशनर्स के लिए खुशखबरी की ये डबल डोज जनवरी से ही मिलना शुरू हो जाएगी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार ने महंगाई भत्ता 4 परसेंट बढ़ा दिया है, इससे केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में इजाफा हो जाएगा. 4 परसेंट की बढ़ोतरी के बाद महंगाई भत्ता 17 परसेंट से बढ़कर 21 परसेंट हो जाएगा. हालांकि ये भत्ता जनवरी से मिलना शुरू हो जाएगा, लेकिन इसका आधिकारिक ऐलान अबतक नहीं हुआ है. केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को सरकार के इस आधिकारिक ऐलान का बेसब्री से इंतजार है.
कैबिनेट ने मार्च 2020 में केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए महंगाई भत्ता और महंगाई राहत की अतिरिक्त किस्त 1 जनवरी, 2020 से जारी करने की मंजूरी दी थी. तब वित्त मंत्री ने ऐलान किया था कि बेसिक सैलरी/पेंशन में मौजूदा महंगाई भत्ते में 4 परसेंट की बढ़ोतरी की जाएगी.
लेकिन, कोरोना महामारी संकट को देखते हुए सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशनर्स को 1 जनवरी 2020 से मिलने वाले अतिरिक्त भत्ते को रोक दिया था. व्यय विभाग ने एक मेमोरेंडम में बताया कि 1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 से मिलने वाले भत्ते की अगली किस्त भी नहीं दिए जाएगी. हालांकि मौजूदा दरों पर DA, DR का भुगतान होता रहेगा.
हालांकि खबर ये भी है कि, केंद्र सरकार के कर्मचारियों और वर्कर्स के संगठन (Association of Employees Confederation of Central Government Employees and Workers) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने मौजूदा सरकारी खजाने का लेखा-जोखा रखा है, और वित्त मंत्री से गुजारिश की है कि अब सभी सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को वर्तमान महंगाई दर 28 परसेंट के हिसाब से महंगाई भत्ता दिया जाए. एसोसिएशन ने कहा कि कोविड के दौरान केंद्र सरकार के कर्मचारियों ने पूरे समर्पण के साथ काम किया. ड्यूटी के दौरान कई कर्मचारियों की जान भी चली गई. इन सबको ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री को सभी कर्मचारियों और पेंशनरों को उनका जनवरी 2020 से बकाया महंगाई भत्ता और महंगाई राहत 28 परसेंट की दर से दें.
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक केंद्र सरकार के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की किस्त रोकने पर साल 2021-22 और इसके पहले के वित्त वर्षों में संयुक्त रूप से ये बचत 37,530 करो़ड़ रुपये होगी. PTI के मुताबिक राज्य सरकार आमतौर पर केंद्र के आदेश पर ही चलते हैं. एक अनुमान है कि DA, DR की किस्त रोकने पर राज्य सरकारों को 82,566 करोड़ रुपये की बचत होगी.
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