अगर बीते दिनों की ओर देखा जाए तो 2019 में भी LPG की कीमतें बढ़ीं थीं, लेकिन ये पेट्रोल में की गई बढ़ोतरी से कम थे. ऐसा ही कुछ इस साल भी हो सकता है. LPG सिलेंडर के दाम रीटेल वेंडर्स बढ़ा सकते हैं. Mint में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि सरकार सब्सिडी को ही खत्म करने की तैयारी कर रही है. यही वजह है कि केरोसीन (Kerosene) और LPG के दाम लगातार बढ़ रहे हैं.
15वें वित्त आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि पेट्रोलियम सब्सिडी के जरिए राजस्व साल 2011-12 के 9.1 प्रतिशत के मुकाबले घटकर वित्त वर्ष 2018-19 में यह 1.6 प्रतिशत पर आ गई. जीडीपी के हिसाब से यह 0.8 प्रतिशत से घटकर 0.1 प्रतिशत हो गया. इसी समय केरोसीन सब्सिडी जो 2011-12 में 28,215 करोड़ रुपये हुआ करती थी. बजट में वित्त वर्ष 2020-21 के बजट अनुमान के लिए इसे घटाकर 3,659 करोड़ रुपये कर दिया गया है.
खबर के मुताबिक, वित्त आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उज्ज्वला स्कीम से LPG सब्सिडी का बोझ बढ़ सकता है. अगर सरकार सब्सिडी स्कीम को गरीबों तक की ही सीमित रखती है तो सब्सिडी वाले सिलेंडरों की संख्या को कैप कर इस बोझ को घटाया जा सकता है.
LPG सिलेंडर की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क और रूपये-डॉलर एक्सचेंज रेट पर निर्भरत करती हैं. सरकार सब्सिडी का पैसा सीधा लाभार्थियों के खाते में DBT के जरिए भेजती है. जबकि केरोसी पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के जरिए रियायती कीमत पर बेचा जाता है.
भारत सरकार ने उज्ज्वला योजना को 1 मई 2016 को लॉन्च किया था. इसमें गरीब रेखा से नीचे जीवन जीने वाले परिवारों को एलपीजी कनेक्शन के लिए 1,600 रुपये दिए जाते हैं.
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