बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के तहत देश की बेटियों का भविष्य उज्ज्वल बनाने के लिए सरकार की ये स्कीम बेटी के जन्म से लेकर उसकी ग्रेजुएशन तक पैसों की दिक्कत को दूर करती है. ये स्कीम उन परिवारों के लिए फायदेमंद है जिनकी आय कम है.
इस योजना का फायदा परिवार की दो बेटियों को मिलता है. योजना के तहत ऐसे परिवारों को जिनकी सालाना आय 3 लाख रुपये से ज्यादा नहीं है, ऐसे परिवार में बेटी के जन्म से लेकर स्नातक में दाखिले तक 6 चरणों में कुल 15 हजार रुपये की मदद दी जाती है. योजना की राशि सीधे बेटियों के खाते में ट्रांसफर की जाएगी , जिससे उनके भविष्य को सुनिश्चित किया जा सकेगा. पहले इस योजना के लिए सालाना आय की सीमा 1.80 लाख रुपये थी, जिसे बढ़ाकर 3 लाख कर दिया गया.
योगी सरकार ने साल 2019-20 का बजट पेश करते हुए इस योजना को शुरू किया था. इस योजना के तहत 6 चरणों में पैसा दिया जाता है. 1. बेटी की जन्म होने पर 1000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है. 2. बच्ची का 1 वर्ष का टीकाकरण पूरे होने पर 2000 रुपये की आर्थिक मदद मिलती है. 3. कक्षा एक में प्रवेश के बाद फिर 2000 दिए जाएंगे
4. कक्षा 6 में प्रवेश लेने के बाद बेटी को फिर से 2000 की आर्थिक मदद मिलेगी 5. जब बेटी 9वीं कक्षा में दाखिला लेती है तो उसे 3000 की आर्थिक मदद मिल पाएगी 6. 12वीं कक्षा पास करने के बाद स्नातक या 2 वर्ष या इससे ज्यादा अवधि वाले कोर्स में दाखिल लेने पर उसे 5000 रुपये मिलेंगे
कौन से परिवार इस योजना का फायदा ले सकते हैं, इस पर भी एक नजर डाल लेते हैं. 1. परिवार उत्तर प्रदेश का निवासी हो तथा उसके पास स्थायी निवास प्रमाण पत्र हो, 2. पारिवारिक सालाना आय अधिकतम 3 लाख रुपये होनी चाहिए 3. किसी परिवार की अधिकतम दो ही बच्चियों को योजना का लाभ मिल सकेगा 4. परिवार में अधिकतम दो बच्चे हों 5. अगर एक बेटी के बाद दूसरी बार जुड़वा बेटियां पैदा हों तो तीनों को ही इस योजना का लाभ मिलेगा
अगर किसी परिवार ने अनाथ बालिका को गोद लिया हो, तो उसे भी योजना का लाभ मिल सकेगा, लेकिन बेटियों की संख्या तब भी दो होनी चाहिए.
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