केंद्र सरकार की इस योजना में पहले दो बेटियों के खाते पर ही 80सी के तहत टैक्स छूट का लाभ मिलता था. तीसरी बेटी पर यह फायदा नहीं था. लेकिन अब यदि एक बेटी के बाद दो जुड़वां बेटियां होती हैं तो उन दोनों के लिए भी खाता खोलने का प्रावधान है. यानी आप एक साथ तीन बेटियों के नाम पैसा जमा कर सकते हैं.
योजना के तहत खाते में सालाना न्यूनतम 250 रुपये और अधिकतम डेढ़ लाख जमा करने का प्रावधान है. न्यूनतम राशि पर अकाउंट डिफॉल्ट हो जाता है. नए नियमों के तहत खाते को दोबारा एक्टिव नहीं कराने पर मैच्योर होने तक खाते में जमा राशि पर लागू दर से ब्याज मिलता रहेगा. पहले ऐसा नहीं था.
पहले के नियमानुसार बेटी 10 साल की उम्र में खाते को ऑपरेट कर सकती थी. लेकिन अब 18 साल की उम्र से पहले बेटियों को खाता ऑपरेट करने की मंजूरी नहीं है. 18 साल की उम्र तक अभिभावक या माता-पिता ही खाते को ऑपरेट करेंगे.
नियमों में बदलाव के बाद खाते में गलत ब्याज डलने पर उसे वापस पलटने के प्रावधान को हटाया गया है. इसके अलावा खाते का सालाना ब्याज हर वित्त वर्ष के अंत में क्रेडिट किया जाएगा.
'सुकन्या समृद्धि योजना' के खाते को बेटी की मौत या बेटी का पता बदलने पर बंद कर सकते हैं. लेकिन अब खाताधारक की जानलेवा बीमारी को भी इसमें शामिल कर दिया गया है. अभिभावक की मौत होने पर भी समय से पहले अकाउंट बंद किया जा सकता है.
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