Personal Loan लोन लेने वाले अक्सर ये सोचते हैं कि इस पर कोई टैक्स छूट (Income Tax Deduction) नहीं मिलती है, लेकिन हम आपको बताने जा रहे हैं कि अगर आपने पर्सनल लोन लिया है तो आपको टैक्स छूट हासिल हो सकती है. ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपने पर्सनल लोन के पैसे का क्या किया और कहां खर्च किया.
Income Tax Act में पर्सनल लोन डिडक्शन को लेकर कुछ भी नहीं कहा गया है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप पर्सनल लोन पर छूट नहीं ले सकते हैं. अगर आपने पर्सनल लिया है और इसका इस्तेमाल बिजनेस में किया है, रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी के कंस्ट्रक्शन या खरीदी में किया है या फिर कुछ ऐसी संपत्तियां खरीदी हैं जो टैक्स छूट के दायरे में आती हैं, तो आपको पर्सनल लोन पर भी टैक्स छूट हासिल होती है.
अगर पर्सनल लोन के पैसे का निवेश बिजनेस में किया गया है, तो ब्याज को आप खर्च के तौर पर दिखा सकते हैं और क्लेम ले सकते हैं. इससे आपकी टैक्स देनदारी घट जाएगी साथ ही बिजनेस का मुनाफा भी बढ़ जाएगा. सबसे अच्छी बात ये है कि इसे लेकर कोई कैप नहीं है, यानि आप कितना भी इंटरेस्ट खर्च के तौर पर दिखाकर क्लेम कर सकते हैं.
होम लोन पर दो तरह से टैक्स बेनेफिट मिलता है, एक तो ब्याज पर दूसरा प्रिंसिपल पर. अगर आपने पर्सनल लोन लेकर घर की मरम्मत करवाई है या फिर रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी खरीदी है तो आप टैक्स बेनेफिट ले सकते हैं. आप इनकम टैक्स के सेक्शन 24 के तहत ब्याज पर टैक्स बेनेफिट ले सकते हैं. अगर आप उस घर में रहते हैं तो 2 लाख रुपये तक टैक्स छूट पा सकते हैं, अगर घर को किराए पर दिया हुआ है तो कितना भी टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं, इसकी कोई सीमा नहीं है.
अगर आपने पर्सनल लोन के पैसे से ज्वेलरी खरीदी है, नॉन रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी खरीदी है या फिर शेयर में निवेश किया है तो आपको इस पर भी टैक्स छूट मिल सकती है. हालांकि इस पर छूट उस साल नहीं ली जा सकती है जिस साल ब्याज चुकाया गया, उसे टैक्स बेनेफिट उस साल मिलेगा जब वो उस असेट को बेचेगा.
यहां एक बात ध्यान देने वाली है कि टैक्स छूट सिर्फ ब्याज पर मिलेगा न कि प्रिंसिपल अमाउंट पर. दूसरी बात ये कि अगर पर्सनल लोन का पैसा ऊपर दिए गए तीन असेट्स के अलावा कहीं और निवेश किया गया तो उसमें टैक्स का फायदा नहीं मिलेगा.
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