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नई दिल्ली: PM Kisan: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत छोटे और मध्यम वर्ग के किसानों को वित्तीय मदद दी जाती है. इस योजना का फायदा लेने वाले किसानों की संख्या अब 12 करोड़ से ज्यादा हो चुकी है. योजना के तहत किसानों के बैंक खातों में अबतक 1.60 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम दी जा चुकी है.
9 अगस्त को पीएम मोदी ने 9वीं किस्त जारी ही की है. आपको बता दें कि इस स्कीम का फायदा लेने के लिए कुछ नियम और शर्तें हैं, जिसे पूरा करने पर ही खाते में पैसे ट्रांसफर किए जाते हैं. अब उन किसानों से रकम की वसूली की जा रही है, जिन्होंने गलत तरीके से इस स्कीम का फायदा उठाया है. मीडिया में खबरें हैं कि अधिकारियों की तरफ से ऐसे अपात्र किसानों को नोटिस थमा जा रहा है और उनसे वसूली की जा रही है.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में प्रशासन की ओर से 9219 अपात्र किसानों को नोटिस जारी कर पीएम किसान का पैसा जमा कराने का आदेश दिया गया है. फर्जीवाड़े में पति-पत्नी से लेकर मृतक किसान, गलत खाते में धनराशि फंड ट्रांसफर, गलत आधार, टैक्सपेयर्स, पेंशनधारक जैसे मामले शामिल हैं.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक सवाल के जवाब में बताया कि पीएम किसान योजना के लिए लाभार्थियों का चयन/पहचान राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है और जब संबंधित लाभार्थियों का सही/सत्यापित डेटा राज्यों की ओर से पीएम किसान पोर्टल पर अपलोड किया जाता है, उसके बाद ही योजना का पैसा सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में डाला जाता है.
उन्होंने कहा कि इसलिए अपात्र लाभार्थियों के खातों में डाली गई रकम की वसूली की जिम्मेदारी भी संबंधित राज्य सरकारों की है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संसद में कहा कि पीएम किसान योजना के 42 लाख अपात्र किसानों से 3000 करोड़ रुपये की वसूली के लिए राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों ने कार्यवाही शुरू कर दी है. ये वो किसान हैं जो PM-KISAN स्कीम की शर्तों को पूरा नहीं करते हैं.
अपात्र लाभार्थियों की इस बड़ी संख्या में सबसे ज्यादा 3.86 लाख गलत खाते या फर्जी आधार वालों की है. दूसरे नंबर पर इनकम टैक्सपेयर्स हैं. इनकी संख्या 2,34,010 है. जबकि 32,300 लाभार्थी ऐसे हैं, इस दुनिया में ही नहीं हैं और उनके नाम पर भी स्कीम का पैसा उठाया जा रहा है. बाकी मामले वाले किसानों की संख्या 57,900 है.
कृषि मंत्री ने कहा कि हमारे संज्ञान में आया है कि कुछ टैक्सपेयर्स सहित अपात्र लाभार्थियों को योजना का फायदा पहुंचा है. जबकि आयकर रिटर्न फाइल करने या सरकारी नौकरी करने वाले किसानों को इस स्कीम के दायरे से बाहर रखा गया है. ऐसे लोगों की पहचान के बाद उनके संबंधित राज्यों ने अपात्र लाभार्थियों से धन की वसूली के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOPs) के मुताबिक पैसे वसूलने की प्रक्रिया शुरू की है. इसके अलावा सरकार की ओर से सही किसानों को योजना का लाभ पहुंचाया जा सके यह सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किए गए हैं.
कृषि मंत्री की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक- देश में 42 लाख से ज्यादा अपात्र लोगों ने गलत तरीके से पीएम किसान के तहत 2000-2000 रुपये की किस्तें ली हैं, जिससे सरकार को 2,900 करोड़ रुपये का चूना लगा है. इन अयोग्य किसानों की सबसे ज्यादा संख्या असम, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, पंजाब और बिहार में है. कृषि मंत्री के मुताबिक असम के कुल 8.35 लाख अयोग्य किसानों के अकाउंट में 554.01 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए हैं. पंजाब से करीब 438 करोड़, महाराष्ट्र से करीब 358 करोड़ रुपए की वसूली की जानी है. वहीं, तमिलनाडु के अयोग्य किसानों से 340.56 करोड़ और उत्तर प्रदेश के अयोग्स किसानों से 258.64 करोड़ रुपए वापस लिए जाएंगे.
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