PM kisan e-KYC: पीएम किसान योजना को सरकार की तरफ से 2019 में प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से शुरू किया गया था. इस योजना का मकसद खेती योग्य भूमि रखने वाले किसानों को आर्थिक तौर पर मदद करना है.
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PM Kisan 15th Installment Date: अगर आप पीएम किसान सम्मान निधि के लाभार्थी हैं तो यह खबर आपके काम की है. किसानों को आर्थिक मदद देने के लिए सरकार की तरफ से संचालित पीएम किसान निधि की 15वीं किस्त पर जल्द खुशखबरी मिल सकती है. मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि योजना की 15वीं किस्त के 2000 रुपये पात्र किसानों के खाते में नवंबर के अंत में आ सकते हैं. इस बीच डीबीटी एग्रीकल्चर बिहार की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 15वीं किस्त के लाभार्थियों को ईकेवाईसी कराना जरूरी है. ईकेवाईसी नहीं कराने वालों को योजना का फायदा नहीं मिलेगा.
ऐसे चेक करें बेनिफिशियरी स्टेटस
- सबसे पहले पीएम किसान की ऑफिशियल वेबसाइट https://pmkisan.gov.in/ पोर्टल पर जाएं.
- यहां पर पेमेंट सक्सेस टैब में इंडिया का मैप दिखाई देगा.
- अब दांयी तरफ एक पीले रंग का टैब 'डैशबोर्ड' दिखेगा, इस पर क्लिक करें.
- क्लिक करने के बाद आप एक नए पेज पर पहुंच जाएंगे.
- विलेज डैशबोर्ड टैब पर आपको अपनी पूरी डिटेल भरनी होगी.
- यहां पर राज्य, जिला, उप-जिला और पंचायत का चयन करें.
- अब आप शो बटन पर क्लिक करें.
- इसके बाद आप अपनी डिटेल्स सिलेक्ट कर सकते हैं.
2019 में शुरू हुई स्कीम
पीएम किसान योजना को सरकार की तरफ से 2019 में प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से शुरू किया गया था. इस योजना का मकसद खेती योग्य भूमि रखने वाले किसानों को आर्थिक तौर पर मदद करना है. योजना के तहत लाभार्थी किसानों को सालाना 6000 रुपये दिये जाने का प्रावधान है. यह पैसा दो-दो हजार रुपये की तीन किश्तों में लाभार्थी किसानों के खाते में भेजा जाता है. सरकार की तरफ से इस योजना का फायदा इनकम टैक्स भरने वाले किसान, सरकारी नौकरी करने वालों को नहीं दिया जाता.
सरकार की तरफ से 14वीं किस्त को जुलाई में जारी किया गया था. सरकार की तरफ से पहले ही बताया जा चुका है कि ऐसे किसानों के खाते में 2000 रुपये नहीं आएंगे, जिनका अकाउंट अलग-अलग पोर्टल से लिंक नहीं हुआ है. पिछले दिनों सरकार को पता चला कि कुछ अपात्र किसानों की तरफ से भी योजना का फायदा उठाया जा रहा है. इसके बाद किसानों के सत्यापन के लिए ई-केवाईसी प्रक्रिया को शुरू किया गया. भूलेख सत्यापन के अलावा आधार सीडिंग भी जरूरी है.