5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में किसान और खेती की अहम हिस्सेदारी होगी : पीएम मोदी
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5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में किसान और खेती की अहम हिस्सेदारी होगी : पीएम मोदी

आम बजट आने के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे. इस मौके पर उन्होंने बीजेपी सदस्यता अभियान की शुरुआत की. प्रधानमंत्री ने सभा को संबोधित करते हुए कि आज मुझे काशी से बीजेपी के सदस्यता अभियान को शुरू करने का अवसर मिला है.

5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में किसान और खेती की अहम हिस्सेदारी होगी : पीएम मोदी

नई दिल्ली : आम बजट आने के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे. इस मौके पर उन्होंने बीजेपी सदस्यता अभियान की शुरुआत की. प्रधानमंत्री ने सभा को संबोधित करते हुए कि आज मुझे काशी से बीजेपी के सदस्यता अभियान को शुरू करने का अवसर मिला है. उन्होंने इस दौरान बजट की चर्चा करते हुए विपक्षियों पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर की बनाने का लक्ष्य तय किया है. इस पर विपक्षियों में कल से ही चर्चा हो रही है.

जितना बड़ा केक होगा, उतने ज्यादा हिस्सा लोगों को मिलेगा
उन्होंने इस मौके पर अंग्रेजी की कहावत 'size of the cake matters' का जिक्र करते हुए कहा जितना बड़ा केक होगा उसका उतना ही बड़ा हिस्सा लोगों को मिलेगा. इसलिए ही हमने देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने पर जोर दिया है. आज जितने भी विकसित देश हैं, उनमें ज्यादातर देशों के इतिहास को देखें, तो एक समय में वहां भी प्रति व्यक्ति आय बहुत ज्यादा नहीं होती थी. लेकिन इन देशों के इतिहास में, एक दौर ऐसा आया, जब कुछ ही समय में प्रति व्यक्ति आय ने जबरदस्त छलांग लगाई.

प्रति व्यक्ति आय बढ़ने से ही खरीद की क्षमता बढ़ती है
यही वो समय था, जब वो देश विकासशील से विकसित यानी विकासशील से विकसित देश की श्रेणी में आ गए. जब किसी भी देश में प्रति व्यक्ति आय बढ़ती है तो वो खरीद की क्षमता बढ़ाती है. खरीद की क्षमता बढ़ने से लोगों के बीच डिमांड बढ़ती है. डिमांड बढ़ने से सामान का उत्पादन बढ़ता है, सेवा का विस्तार होता है और इसी क्रम में रोजगार के नए अवसर बनते हैं. इसी से प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होती है और उस परिवार की बचत भी बढ़ती है.

आज देश खाने-पीने के मामले में आत्मनिर्भर है
आने वाले 5 सालों में 5 ट्रिलियन डॉलर की विकास यात्रा में अहम हिस्सेदारी होगी किसान और खेती की. आज देश खाने-पीने के मामले में आत्मनिर्भर है, तो इसके पीछे सिर्फ और सिर्फ देश के किसानों का पसीना है और उनका सतत परिश्रम है. अब हम किसान को पोषक से आगे निर्यातक यानी एक्सपोर्टर के रूप में देख रहे हैं. अन्न हो, दूध हो, फल-सब्जी, शहद या फिर ऑर्गेनिक उत्पाद, हमारे पास निर्यात की भरपूर क्षमता है. इसलिए बजट में कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए माहौल बनाने पर बल दिया गया है. खेती के साथ-साथ ब्लू इकॉनॉमी पर भी हमारा विशेष बल है.

बीते 5 साल में मछली के व्यापार में हमने बहुत प्रगति की
समुद्री संसाधनों, तटीय क्षेत्रों में पानी के भीतर जितने भी संसाधन है, उनके विकास के लिए बजट में विस्तार से बात की गई है. इन संसाधनों का एक बहुत बड़ा हिस्सा है मछली के व्यापार. बीते 5 साल में इस दिशा में हमने बहुत प्रगति की है, लेकिन फिर भी इस क्षेत्र में पूरी क्षमता से काम करने की अनेक संभावनाएं बनी हुई हैं. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत गहरे समंदर में मछली पकड़ना, स्टोरेज, उनकी वैल्यू एडिशन को बढ़ावा दिया जाएगा. इससे मछली के एक्सपोर्ट में हमारी भागीदारी कई गुणा बढ़ेगी. जिससे देश को विदेशी मुद्रा भी मिलेगी और मछुआरों को अधिक दाम भी मिल पाएंगे.

प्रधानमंत्री ने कहा विकास की एक और ज़रूरी शर्त है पानी. इसलिए जल संरक्षण और जल संचयन के लिए पूरे देश को एकजुट होकर खड़ा करने की कोशिश की जा रही है. हमारे सामने पानी की उपलब्धता से भी अधिक पानी की फिजूलखर्ची और बर्बादी बहुत बड़ी समस्या है. लिहाजा घर में उपयोग हो या फिर सिंचाई में, पानी की बर्बादी को रोकना आवश्यक है. पानी के संरक्षण और संचयन के साथ-साथ घर-घर पानी पहुंचाना भी ज़रूरी है.

देश के हर घर को जल मिल सके इसके लिए जल शक्ति मंत्रालय तो हम बना चुके हैं, जल शक्ति अभियान भी शुरू किया गया है. इसका बहुत बड़ा लाभ हमारी माताओं-बहनों को मिलेगा जो पानी जुटाने के लिए अनेक कष्ट उठाती हैं. अब बजट में राष्ट्रीय स्तर पर जल ग्रिड बनाने का भी प्रस्ताव रखा गया है. मुझे विश्वास है कि इस प्रकार की व्यवस्था से देश के हर उस क्षेत्र को पर्याप्त जल मिल पाएगा जिसको पानी के अभाव का सामना करना पड़ता है. 5 ट्रिलियन डॉलर के इस सफर को आसान बनाने के लिए हम स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत, सुंदर भारत बनाने पर भी फोकस कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा बीते वर्षों में स्वच्छता के लिए देश के हर नागरिक ने जो योगदान दिया है उससे स्वस्थ भारत बनाने के हमारी कोशिश को बल मिला है. स्वस्थ भारत बनाने के लिए आयुष्मान भारत योजना भी बहुत मददगार सिद्ध हो रही है. देश के करीब 50 करोड़ गरीबों को हर वर्ष 5 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज सुनिश्चित हो रहा है. अब तक लगभग 32 लाख गरीब मरीजों को अस्पतालों में इसका लाभ मिल चुका है.

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