प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बिजनेस कॉरस्पान्डेन्ट सखी के खातों में पहले महीने का 4000 रुपये का मानदेय ट्रांसफर किया. इससे 20 हजार बिजनेस कॉरस्पान्डेन्ट को फायदा मिलेगा. आइए जानते हैं इसके बारे में.
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज महिलाओं को बड़ी सौगात दी है. अब महिलाओं को अपना कारोबार शुरू करने में दिक्कत नहीं आएगी. प्रधानमंत्री ने सेल्फ हेल्प ग्रुप को आज 1000 करोड़ रुपये ट्रांसफर किये. इसके अलावा बिजनेस कॉरस्पॉन्डेंट सखी को पहले महीने का मानदेय भी ट्रांसफर किया गया है. आज मुख्यमंत्री कन्या सुमंगल योजना के लाभार्थियों को भी रकम ट्रांसफर किया गया.
इन योजनाओं से महिला कारोबारियों को अपना काम बढ़ाने में काफी मदद मिलने की उम्मीद है. वहीं सरकार ने कई अन्य कदमों का भी ऐलान किया जिससे ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को अपना काम शुरू करने में मदद मिलेगी.
प्रधानमंत्री ने आज अपने प्रयागराज दौरे के दौरान एक विशेष कार्यक्रम में ये ऐलान किए. प्रधानमंत्री ने सेल्फ हेल्प ग्रुप के खाते में 1000 करोड़ रुपये ट्रांसफर की आज शुरूआत की. आपको बता दें कि इससे 16 लाख महिला सदस्यों को जबरदस्त फायदा होगा. दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-एनआरएलएम) के तहत इस रकम का यह ट्रांसफर किया जा रहा है. इसमें 1.1 लाख रुपये प्रति स्वसहायता समूह के हिसाब से 80 हजार समूहों को समुदाय निवेश निधि (CIF) और 15 हजार रुपये प्रति स्वसहायता समूह के हिसाब से 60 हजार समूहों राशि मिल रही है.
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प्रधानमंत्री ने 20 हजार बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेन्ट सखी (BC Sakhi) के खातों में आज पहले महीने का 4000 रुपये मानदेय भी ट्रांसफर किया. दरअसल, बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट घर घर जाकर वित्तीय सेवायें उपलब्ध कराती है. सरकार की तरफ से इन्हें 6 महीने के लिये 4000 रुपये का मानदेय दिया जाता है ताकि वे स्थायी रूप से काम कर सकें. इतना ही नहीं, काम बढ़ने पर उनको ट्रांजेक्शन पर होने पर कमीशन भी दिया जाएगा जिससे उनकी नियमित आय होने लगे.
इस कार्यक्रम के दौरान, कन्या सुमंगल योजना के तहत एक लाख से अधिक लाभार्थियों को 20 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि भी ट्रांसफऱ करने की शुरुआत हुई.
इस योजना के तहत बालिकाओं को नकद पैसा (अलग-अलग किस्तों) ट्रांसफर किया जाता है. जैसे जन्म के समय दो हजार रुपये, एक वर्ष होने पर सभी जरूरी टीके लगने के बाद एक हजार रुपये, पहली क्लास में प्रवेश लेने पर 2 हजार रुपये, छठी क्लास में दाखिला लेने पर 2 हजार रुपये, कक्षा 9 में 3 हजार रुपये, किसी डिग्री डिप्लोमा पाठ्यक्रम में दाखिला लेने पर 5 हजार रुपये ट्रांसफर किये जाते हैं.
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- दरअसल, सेल्फ हेल्प बहुत छोटे लेवल पर काम कर रही महिलाओं का समूह होता है
- यह अपने संसाधनों और सेविंग्स फंड का इस्तेमाल अपना कारोबार बढ़ाता है. इसमें 10-25 महिलाएं शामिल हो सकती हैं
- यह समूह किसी सूक्ष्म कारोबार से जुड़ा होता है.
- एसएचजी बनाने के लिए समूह को रजिस्टर करना होता है और बैंक खाता खुलवाना होता है.
- अगर एसएचजी तय सीमा तक बेहतर प्रदर्शन करता है तो उसे बैंक की तरफ से आसान कर्ज मिलने लगता है.
- इसे कई सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिलने लगता है.
- सरकार एसएचजी को बहुत प्रोत्साहन दे रही है जिससे महिलाओं का अपना सोर्स ऑफ इनकम मिल सके.