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नई दिल्ली: PPF Tax Saving: पब्लिक प्रॉविडेंट फंड यानी PPF निवेश का एक बेहद पुराना और भरोसेमंद जरिया है, इसमें न सिर्फ बढ़िया रिटर्न मिलता है बल्कि टैक्स बचाने में भी मदद मिलती है. ये E-E-E कैटेगरी में आने वाला निवेश है, यानी निवेश, ब्याज और मैच्योरिटी अमाउंट तीनों पर कोई टैक्स नहीं लगता है. PPF में सालाना 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट मिलती है.
PPF में निवेशकों को न सिर्फ एश्योर्ड रिटर्न मिलता है, बल्कि इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर इनकम टैक्स छूट भी मिलती है. लेकिन कई बार ऐसा होता है कि PPF निवेश की लिमिट खत्म होने के बाद भी निवेशक के पास पैसे बचे रह जाते हैं और उसे निवेश के विकल्प की तलाश रहती है. टैक्स एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर निवेशक शादीशुदा है, तो वो अपनी पत्नी या पति के नाम पर PPF अकाउंट खोलकर उसमें अलग से 1.5 लाख रुपये और निवेश कर सकता है.
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एक्सपर्ट्स के मुताबिक अपने लाइफ पार्टनर के नाम पर PPF अकाउंट खोलने से निवेशक के PPF निवेश की लिमिट भी दोगुनी हो जाएगी, हालांकि तब भी इनकम टैक्स छूट की सीमा तब भी 1.5 लाख रुपये ही होगी. भले ही आपको इनकम टैक्स में छूट 1.5 लाख मिले, लेकिन इसके दूसरे कई फायदे हैं. PPF निवेश की लिमिट दोगुनी होकर 3 लाख रुपये हो जाती है. E-E-E कैटेगरी में आने की वजह से निवेशक को PPF के ब्याज और मैच्योरिटी अमाउंट पर टैक्स छूट मिलती है.
इनकम टैक्स के सेक्शन 64 के तहत आपकी ओर से पत्नी को दी गई किसी राशि या गिफ्ट से हुई आय आपकी इनकम में जोड़ी जाएगी. हालांकि PPF के मामले में जो कि EEE की वजह से पूरी तरह से टैक्स फ्री है, क्लबिंग के प्रावधानों का कोई असर नहीं पड़ता है.
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वहीं, जब भविष्य में आपके पार्टनर का PPF खाता मैच्योर होगा, तब आपके पार्टनर के PPF खाते में आपके शुरुआती निवेश से होने वाली आय को आपकी आय में साल दर साल जोड़ा जाएगा. इसलिए ये विकल्प शादीशुदा लोगों को PPF खाते में अपना योगदान को दोगुना करने का मौका भी देता है.
उन लोगों के लिए यह बेहतर विकल्प बताया जाता है, जो कम जोखिम उठाना चाहते हैं और वे NPS, म्यूचुअल फंड जैसे मार्केट लिंक्ड निवेश नहीं करना चाहते हैं, जहां जोखिम का खतरा ज्यादा रहता है. आपको बता दें कि जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए PPF की ब्याज दर 7.1 परसेंट तय की गई है.