मीडिया में चल रही रेलवे में तीन लाख कर्मचारियों की छंटनी की खबर का संज्ञान लेते हुए रेल मंत्रालय ने एक स्पष्टीकरण जारी किया है.
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नई दिल्ली : मीडिया में चल रही रेलवे में तीन लाख कर्मचारियों की छंटनी की खबर का संज्ञान लेते हुए रेल मंत्रालय ने एक स्पष्टीकरण जारी किया है. सूत्रों के हवाले से खबर में कहा गया था कि रेलवे बोर्ड की तरफ से 55 साल से ज्यादा की उम्र वाले या 2020 की पहली तिमाही तक रेलवे में नौकरी के 30 साल पूरे करने वाले कर्मचारियों की लिस्ट बनाने के लिए कहा गया था. इस पर रेलवे ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए इसे रूटीन रिव्यू बताया है.
पांच साल में 1.84 लाख पदों पर भर्ती की
मिनिस्ट्री ऑफ रेलवे की तरफ से जारी किए गए पत्र में कहा गया कि सभी रेलवे जोन/ प्रोडक्शन यूनिट को रूटीन रिव्यू के लिए पत्र जारी किया है और यह एक रूटीन प्रक्रिया है. इसलिए हर साल की तरह इस साल भी यह निर्देश जारी किया गया है. इसके साथ ही रेलवे ने बताया कि साल 2014 से 2019 के बीच विभिन्न श्रेणियों पर 1,84,262 कर्मचारियों की भर्ती की गई है. मंत्रालय ने बताया कि 2,83,637 पदों पर भर्ती प्रक्रिया अभी भी चल रही है, इसमें से 1,41,060 पदों के लिए परीक्षा हो चुकी है. बाकी पदों की प्रक्रिया अगले दो महीने में पूरी कर ली जाएगी.
रेलवे जोन से 9 अगस्त तक सूची भेजने के लिए कहा
आपको बता दें सोमवार को यह खबर आई थी कि रेलवे की तरफ से 55 साल से ज्यादा की उम्र वाले तीन लाख कर्मचारियों पर छंटनी की तलवार चल सकती है. रेलवे बोर्ड ने सभी रेलवे जोन प्रमुख को लिखी चिट्ठी लिखकर कर्मचारियों की परफारमेंस रिव्यू का आदेश दिया था. रेलवे बोर्ड ने सभी रेलवे जोन मैनेजर को कर्मचारियों के परफॉर्मेंस रिव्यू करने के लिए कहा था. रेलवे बोर्ड की तरफ से 27 जुलाई को लिखी गई चिट्ठी में सभी जोन से 9 अगस्त तक पूरी सूची भेजने के लिए कहा गया है.
Indian Railways have recruited approximately 1,84,262 employees in various categories during year 2014-19.Recruitment exercise for 2,83,637 posts is underway,out of which tests have already been conducted for 1,41,060 posts and the process shall be completed within next 2 months. pic.twitter.com/DyhQLVdXeB
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) July 30, 2019
परफॉर्मेंस रिव्यू के तहत सभी जोन से कर्मचारियों के फिजिकल फिटनेस, मेंटल फिटनेस के साथ साथ रोजाना हाजिरी (अटेंडेंस) और अनुशासन (डिसिप्लिन) को लेकर रिपोर्ट भेजने का आदेश दिया गया है. रेलवे से जुड़े एक सूत्र ने बताया है यह एक समय-समय पर किया जाने वाला रिव्यू है जिसके जरिए उन कर्मचारियों की पहचान की जाती है जो ठीक से काम नहीं कर रहे और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें समय से पहले रिटायर किया जाता है.
लोकसभा में हाल ही में यह जानकारी दी गई थी कि अलग-अलग विभागों में काम करने वाले ग्रुप-A और ग्रुप-B के 1.19 लाख से भी ज्यादा अफसरों की परफॉर्मेंस की जांच की गई थी. ऐसा समय से पहले रिटायरमेंट वाले नियम के तहत किया गया था. कर्मचारियों की मानसिक और शारीरिक फिटनेस के अलावा कर्मचारियों का संसाधनों के खर्च को लेकर भी रवैया पूछा गया है. वह पत्र-व्यवहार/ ई-मेल आदि कर पाता है या नहीं और उसके व्यवहार का भी मूल्यांकन किया जाना है.