भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अब सभी बैंकों के आवेदनों की जांच करेगा. इसके लिए उसने पूर्व डिप्टी गवर्नर श्यामल गोपीनाथ के नेतृत्व में एक बड़ी कमेटी का गठन किया है.
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मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सोमवार को सार्वभौमिक बैंकों और लघु वित्त बैंकों के आवेदनों की जांच के लिए एक कमेटी के गठन की घोषणा की है. इस कमेटी की अध्यक्षता RBI के पूर्व डिप्टी गवर्नर श्यामल गोपीनाथ करेंगे.
RBI ने अगस्त 2016 में सब प्रकार की (यूनिवर्सल) सेवाएं देने वाले बैंकों के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे. बैंक ने सदा सुलभ लाइसेंस व्यवस्था और दिसंबर 2019 में लघु वित्त बैंक के सदा सुलभ लाइसेंस नीति को लेकर दिशानिर्देश जारी किए थे.
इन दिशानिर्देशों में यह संकेत दिया गया था कि बैंकों के आवेदनों की जांच आरबीआई करेगा ताकि आवेदनकर्ताओं की पात्रता प्रथम दृष्टया तय की जा सके. इसमें यह भी कहा गया था कि कमेटी में बैंक, वित्तीय क्षेत्र और अन्य संबंधित क्षेत्रों के चर्चित लोग होंगे. RBI के बाद समिति आवेदनों का आकलन करेगी और कमेटी के गठन की घोषणा केंद्रीय बैंक करेगा. आरबीआई ने केंद्रीय बैंक की पूर्व डिप्टी गवर्नर श्यामला गोपीनाथ की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति की घोषणा करते हुए कहा कि एसईएसी का कार्यकाल तीन साल का होगा.
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RBI के केंद्रीय निदेशक मंडल में निदेशक रेवती अय्यर, आरबीआई के पूर्व कार्यकारी निदेशक और फिलहल एनपीसीआई (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) के चेयरमैन बी माहापात्र, केनरा बैंक के पूर्व चेयरमैन टी एन मनोहरन, पीएफआरडीए (पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण) के पूर्व चेयरमैन हेमंत जी कांट्रैक्टर इसके सदस्य हैं.
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