RBI Governor: उन्होंने कहा आरबीआई की ‘नाउकास्टिंग टीम’ जून तिमाही के लिए जीडीपी (GDP) विकास दर 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगा रही है. यह केंद्रीय बैंक के अनुमान 7.3 प्रतिशत से ज्यादा है.
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GDP: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि देश में महंगाई दर को 4% तक कम करने के लिए प्रतिबद्धता की जरूरत है. देश की वार्षिक खुदरा महंगाई दर मई में गिरकर 4.75% पर आ गई, जो अप्रैल में 4.83% पर थी. लेकिन यह आरबीआई के मध्यम अवधि के टारगेट से काफी ऊपर है. दास ने उद्योग मंडल बॉम्बे चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि देश आर्थिक वृद्धि के स्तर पर ‘प्रमुख संरचनात्मक बदलाव’ की दहलीज पर है. देश उस रास्ते पर बढ़ रहा है जहां सालाना 8 प्रतिशत की जीडीपी ग्रोथ को बरकरार रखा जा सकता है.
एक गलत कदम आपको विचलित कर सकता है
उन्होंने कहा महंगाई दर की चुनौती से निपटने के दौरान एक भी गलत कदम आपको विचलित कर सकता है. एक गलती आपके विकास को पटरी से उतार सकता है और फिर इस पर लौटना कहीं ज्यादा महंगा होगा और इसमें काफी समय लग जाएगा. उन्होंने कहा आरबीआई की ‘नाउकास्टिंग टीम’ जून तिमाही के लिए जीडीपी (GDP) विकास दर 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगा रही है. यह केंद्रीय बैंक के अनुमान 7.3 प्रतिशत से ज्यादा है.
आरबीआई का अनुमान, 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी महंगाई
दास ने कहा उन्हें भरोसा है कि फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में इकोनॉमी आरबीआई के अनुमान 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी. उन्होंने कहा, ‘एक अच्छी वृद्धि दर का परिदृश्य हमें महंगाई पर फोकस करने के लिए गुंजाइश देता है.’ दास ने आने वाले समय में महंगाई में कमी लाने पर फोकस करने के लिए शतरंज का उदाहरण दिया. उन्होंने साफ किया कि एक गलत कदम हमें राह से भटका सकता है. उन्होंने कहा कि महंगाई पर मुस्तैदी से ध्यान देना जरूरी है क्योंकि मौसम की एक भी प्रतिकूल घटना महंगाई को 5 प्रतिशत से ऊपर ले जा सकती है.
कम होकर 4.7 प्रतिशत पर आई महंगाई दर
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि एमपीसी के तहत उठाये कदमों के कारण महंगाई 2022 में 7.8 प्रतिशत के रिकॉर्ड हाई लेवल से कम होकर अब 4.7 प्रतिशत पर रह गई है. दास ने कहा, 'ऊंची महंगाई इकोनॉमी की प्रतिस्पर्धा को प्रभावित करती है. अर्थव्यवस्था को घरेलू और विदेशी निवेश दोनों के लिए प्रतिकूल गंतव्य बनाती है. सबसे महत्वपूर्ण, उच्च महंगाई दर का मतलब लोगों, विशेषकर गरीब लोगों की खरीदने की क्ति को कम करना होगा.’
उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल में सरकारी खर्च से वृद्धि को गति मिल रही है. इस बात के साफ सबूत हैं कि निजी पूंजीगत व्यय बढ़ रहा है और सीमेंट व इस्पात जैसे बुनियादी ढांचे से जुड़े क्षेत्रों में सबसे ज्यादा रुचि देखी जा रही है. दास ने यह भी कहा कि अर्थव्यवस्था तभी आगे बढ़ेगी जब विभिन्न क्षेत्रों में तेजी आएगी और उन्होंने वृद्धि को गति देने के लिए सभी क्षेत्रों पर जोर देने की बात कही.