इस बैठक में मौजूदा नकदी की स्थिति को बेहतर करने पर चर्चा हुई.
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मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने गुरुवार को निजी क्षेत्र के बैंकों के साथ बैठक में बैंकिंग प्रणाली में नकदी की स्थिति पर विचार विमर्श किया. बैंक अधिकारियों ने बताया कि इस बैठक में लघु एवं मझोले उपक्रमों को ऋण के प्रवाह पर भी चर्चा हुई. दास ने 12 दिसंबर को केंद्रीय बैंक के गवर्नर का पद संभाला था. यह उनकी बैंकों के साथ तीसरी बैठक है. इससे पहले वह दो बार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ बैठक कर चुके हैं. सरकार के साथ विभिन्न मुद्दों पर मतभेदों के चलते रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल ने 10 दिसंबर को इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद दास की नियुक्ति की गई है.
बैंकरों ने कहा कि बैठक में लघु एवं मझोले उपक्रमों को ऋण का प्रवाह सुधारने तथा मौजूदा नकदी की स्थिति को बेहतर करने पर चर्चा हुई. इस बैठक में केंद्रीय बैंक के डिप्टी गवर्नर और निजी क्षेत्र के बैंकों के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए. इससे पहले दास ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ दो बैठकों में त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई रूपरेखा पर विचार विमर्श किया था.
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इस बीच वित्तीय संकट से जूझ रहे देश के कुछ प्रमुख बैंकों को केंद्र सरकार की तरफ से जल्द ही राहत देने का ऐलान किया जा सकता है. सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्रालय सार्वजनिक क्षेत्र के 7 बैंकों के लिए शुक्रवार को बड़ी राहत का ऐलान कर सकता है. सरकार की तरफ से यह कदम ऐसे समय में उठाए जाने की उम्मीद की जा रही है जब पब्लिक सेक्टर के कई बैंक डूबे हुए कर्ज, बैंक धोखाधड़ी और नकदी संकट के कारण बुरे दौर से गुजर रहे हैं. फाइनेंस मिनिस्ट्री की तरफ से सार्वजनिक क्षेत्र के 7 बैंकों के लिए कुल 28,615 करोड़ रुपये की राहत दिए जाने की उम्मीद है.
(इनपुट-भाषा)