RBI Hikes Repo Rate : भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से करीब दो साल बाद रेपो रेट में बदलाव किया गया है. केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में 0.40 प्रतिशत का इजाफा करके ग्राहकों को बड़ा झटका दिया है. इस बदलाव के बाद आपके हर प्रकार के लोन की ईएमआई बढ़ना तय माना जा रहा है.
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RBI Governor Shaktikanta Das Repo Rate : भारतीय रिजर्व बैंक के गर्वनर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने बुधवार को रेपो रेट बढ़ाने का ऐलान कर दिया. आरबीआई की तरफ से रेपो रेट में 0.40% की बढ़ोतरी की गई है. इसके साथ ही रेपो रेट 4 प्रतिशत से बढ़कर 4.40% हो गया. इससे पहले आरबीआई ने आखिरी बार 22 मई 2020 को रेपो रेट में बदलाव किया था.
आरबीआई की तरफ से रेपो रेट में बदलाव करने से बैंकों की तरफ से लोन पर ब्याज दर बढ़ाने का रास्ता साफ हो गया है. रेपो रेट बढ़ने से आने वाले दिनों में आपके होम लोन, कार लोन की ईएमआई में बढ़ जाएगी. इससे पहले चालू वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक समीक्षा बैठक (MPC) में आरबीाआई की तरफ से रेपो रेट में लगातार 11वीं बार बदलाव नहीं किया गया था.
RBI गवर्नर ने अपने संबोधन में कहा, ग्लोबल इकोनॉमी की स्थिति बिगड़ती जा रही है. अर्थव्यवस्था पर महंगाई का दबाव बरकरार है. लगातार बढ़ती महंगाई चिंताजनक है. युद्ध की वजह से महंगाई और ग्रोथ का अनुमान बदला है. आबीआई की तरफ से रेपो रेट बढ़ाने के बाद शेयर बाजार में भी बिकवाली बढ़ गई है.
रेपो रेट बढ़ने का असर आपके होम लोन, कार लोन या अन्य किसी भी लोन पर पड़ेगा. यदि आपका पहले से लोन चल रहा है या आप लोन लेने वाले हैं तो आने वाले दिनों में बैंक की तरफ से ब्याज दर बढ़ने से EMI पहले के मुकाबले ज्यादा जाएगी. इसका असर नए और पुराने दोनों ग्राहकों पर होगा. आइये इसे आंकड़ों में समझते हैं.
अगर किसी ग्राहक ने 20 साल के लिए होम लोन लिया है और अब तक उसकी ब्याज दर 7 प्रतिशत थी तो अब उसके बढ़कर 7.40 प्रतिशत होने की संभावना है. ऐसे में 30 लाख के लोन पर 20 साल की अवधि के लिए हर महीने 23,259 रुपये ईएमआई होती है. लेकिन अब यदि ब्याज दर में 0.40 प्रतिशत का इजाफा होता है यह ईएमआई बढ़कर 23,985 रुपये हो जाएगी. यानी हर महीने 726 रुपये ज्यादा चुकाने होंगे. इस हिसाब से हर साल करीब 8712 रुपये देने होंगे.
जिस रेट पर आरबीआई की तरफ से बैंकों को लोन दिया जाता है, उसे रेपो रेट कहा जाता है. रेपो रेट बढ़ने का मतलब है कि बैंकों को आरबीआई से महंगे रेट पर कर्ज मिलेगा. इससे होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन आदि की ब्याज दर बढ़ जाएगी, जिससे आपकी ईएमआई पर सीधा असर पड़ेगा.