RBI Governor Shaktikanta Das: भारत के केंद्रीय बैंक ने लगभग पिछले दो साल से ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया है. पिछले सप्ताह संकेत दिया गया था कि वह अपनी पॉलिसी में बदलाव के बाद इसमें ढील देने की तैयारी कर सकता है.
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RBI on Interest Rate Cuts: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने महंगाई जोखिमों का हवाला देते हुए समय से पहले ब्याज दरों में कटौती को लेकर चेतावनी दी है. ब्लूमबर्ग को दिए एक इंटरव्यू में दास ने कहा है कि इस स्तर पर ब्याज दर में कटौती "बहुत समयपूर्व" और जोखिम भरा होगा.
हालांकि, RBI ने 7.2% की वृद्धि का पूर्वानुमान बनाए रखा है. रिजर्व बैंक बाजार की उम्मीदों से परे ब्याज दरों में ढील देने से पहले महंगाई के 4% के आसपास स्थिर होने का इंतजार कर रहा है.
महंगाई में कमी आने की उम्मीदः दास
इंडिया क्रेडिट फोरम में बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, "हालांकि, महंगाई में कमी आने की उम्मीद है, लेकिन इस कॉन्टेक्स्ट में बहुत ज्यादा रिस्क है. उन्होंने कहा कि इस कर्व के पीछे RBI नहीं है और उसे महंगाई को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है.
दरअसल, आरबीआई ब्याज दर को लगभग दो वर्षों से ज्यों का त्यों रखा है. हालांकि, पिछले सप्ताह संकेत दिया गया था कि वह अपनी पॉलिसी में बदलाव के बाद इसमें ढील देने की तैयारी कर सकता है. क्योंकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दर में कटौती के बाद दुनिया भर के केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में कटौती कर रहे हैं.
भारत में ब्याज कटौती को लेकर अभी भी संशय
लेकिन भारत में केंद्रीय बैंक कब ब्याज दर में कटौती करेगी, ये भी स्पष्ट नहीं हुआ है. जबकि अधिकांश अर्थशास्त्रियों ने भविष्यवाणी की थी कि आरबीआई दिसंबर में दरें कम करना शुरू कर देगा.
वहीं, रिजर्व बैंक के गवर्नर दास ने बार-बार कहा है कि आरबीआई कटौती पर विचार करने से पहले महंगाई दर को 4% लक्ष्य स्तर के आसपास स्थिर होते देखना चाहता है.
पुलिस नहीं है RBI: दास
शक्तिकान्त दास ने शुक्रवार को कहा कि केंद्रीय बैंक किसी पुलिसकर्मी की तरह काम नहीं करता, बल्कि वह वित्तीय बाजार पर कड़ी नजर रखता है और जरूरत पड़ने पर नियामकीय कदम उठाता है. आरबीआई गवर्नर की यह टिप्पणी RBI की तरफ से नवी फिनसर्व और तीन अन्य गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों (एनबीएफसी) के खिलाफ गुरुवार को की गई नियामकीय कार्रवाई के एक दिन बाद आई है.