Reserve Bank of India: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की तरफ से आज 10 बजे मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तरफ से लिये गए फैसलों के बारे में जानकारी दी जाएगी. इससे पहले जानकारों की तरफ से उम्मीद जताई गई की आरबीआई की तरफ से इस बार भी रेपो रेट में कटौती की उम्मीद कम ही है.
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RBI MPC Meeting: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की तीन दिन चलने वाली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा (MPC) का आज आखिरी दिन है. आरबीआई की एमपीसी मंगलवार (6 अगस्त) को शुरू हुई थी. बैठक में लिये गए फैसलों के बारे में आज केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की तरफ से जानकारी दी जाएगी. अगर आप सस्ते होम लोन या पर्सनल लोन का इंतजार कर रहे हैं तो यह अभी और लंबा हो सकता है. महंगाई से जुड़ी चिंता और आर्थिक वृद्धि की मजबूत रफ्तार को देखते हुए इस बार नीतिगत ब्याज दर में किसी बदलाव की संभावना कम ही है. हालांकि अलग-अलग इंडस्ट्री की तरफ से ब्याज दर में राहत देने की मांग पिछले काफी समय से की जा रही है.
फरवरी 2023 से 6.5 प्रतिशत पर ही कायम रेपो रेट
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास आज मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तरफ से लिये गए फैसलों के बारे में डिटेल में जानकारी देंगे. जानकारों का मानना है कि रिजर्व बैंक की तरफ से रेपो रेट में कटौती की उम्मीद नहीं है, क्योंकि महंगाई दर अभी चिंताजनक स्तर पर बनी हुई है. फरवरी, 2023 से रेपो रेट 6.5 प्रतिशत के स्तर पर बना हुआ है. इकोनॉमी में तेजी के बीच माना जा रहा है कि एमपीसी ब्याज दर में कटौती से बचेगी. अगर आरबीआई इस बार भी रेपो रेट में बदलाव नहीं करता तो यह लगातार नौंवा मौका होगा जब इसे पुराने स्तर पर कायम रखा जाएगा.
आठ एमपीसी से कोई बदलाव नहीं
गोल्डमैन सैक्स की तरफ से रेपो रेट के 6.5 प्रतिशत पर ही बने रहने की संभावना जताई गई है. आरबीआई ने पिछली बार फरवरी, 2023 में रेपो रेट को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया था. उसके बाद से इसने अपनी पिछली आठ द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. डीबीएस बैंक की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और सीनियर इकोनॉमिस्ट राधिका राव ने कहा कि मजबूत घरेलू वृद्धि और महंगाई के मेल को ध्यान में रखते हुए एमपीसी अपने सतर्क दृष्टिकोण को दोहराने और अपने 'उदार रुख को वापस लेने' का रवैया बनाए रख सकती है.
दिसंबर में आ सकती है गिरावट
बार्कलेज की रीजनल इकोनॉमिस्ट श्रेया सोधानी ने कहा ‘हम दिसंबर की एमपीसी बैठक में रेपो रेट में कटौती के अपने पूर्वानुमान पर कायम हैं. हालांकि, महंगाई आरबीआई की अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं रहती है तो इसमें देरी भी हो सकती है.’ सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड के फाउंडर और चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि आरबीआई लगातार नौंवी बार ब्याज दर को स्थिर रखने का फैसला कर सकता है.
क्या होता है रेपो रेट?
जिस रेट पर आरबीआई की तरफ से बैंकों को लोन दिया जाता है, उसे रेपो रेट कहते हैं. रेपो रेट बढ़ने का मतलब है कि बैंकों को आरबीआई से महंगे रेट पर लोन मिलेगा. इससे होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन आदि की ब्याज दर बढ़ जाएगी, जिसका आपकी ईएमआई पर सीधा असर पड़ेगा.