RBI MPC: बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने के लिए आरबीआई की तरफ से रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया है. इससे पहले अमेरिकी फेडरल रिजर्व समेत दुनिया के कई प्रमुख केंद्रीय बैंक ब्याज दर में वृद्धि चुके हैं.
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Inflation Rate: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी की है. इसी के साथ आपकी ईएमआई भी महंगी हो जाएगी. अब रेपो रेट की दर 5.40% से बढ़कर 5.90% हो गई है, जबकि SDF की दर 5.15% से बढ़कर 5.65% हो गई है. MPC के 6 में से 5 सदस्य दरें बढ़ाने के पक्ष में नजर आए. RBI ने कहा कि महंगाई अभी भी सभी सेक्टर्स के लिए चिंता का विषय बनी हुई है. इससे पहले अमेरिकी फेडरल रिजर्व समेत दुनिया के कई प्रमुख केंद्रीय बैंक ब्याज दर में वृद्धि चुके हैं.
मई से अब तक 1.90 प्रतिशत बढ़ा रेपो रेट
इससे पहले एमपीसी की सिफारिशों के आधार पर ही आरबीआई (RBI) ने जून, अगस्त में दो बार रेपो रेट में 0.50-0.50 फीसदी की वृद्धि का ऐलान किया था. इससे पहले मई में केंद्रीय बैंक ने अचानक ब्याज दर को 0.40 प्रतिशत बढ़ाया था. इस हिसाब से मई से अब तक रेपो रेट 1.90 प्रतिशत बढ़ चुका है.
आने वाले समय में और महंगे हो जाएंगे लोन
रेपो रेट में बढ़ोतरी से कॉस्ट ऑफ बोरोइंग यानी उधारी की लागत बढ़ जाएगा. बैंकों को पैसा महंगा मिलेगा तो आने वाले समय में लोन और महंगे हो जाएंगे. बैंक इसका असर ग्राहकों पर डालेंगे. इससे मकानों की बिक्री और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है.
क्या है रेपो रेट?
गौरतलब है कि रेपो रेट वह दर है जिस पर की बैंक को RBI द्वारा कर्ज दिया जाता है और फिर इसी के आधार पर बैंक ग्राहकों को कर्ज देते हैं, जबकि रिवर्स रेपो रेट वह दर है जिस पर बैंकों की ओर से जमा राशि पर RBI उन्हें ब्याज देती है. ऐसे में, जब आरबीआई रेपो रेट बढ़ाती है तब बैंकों पर बोझ बढ़ता है और बैंक की तरफ से तब बैंक रेट में यानो लोन महंगा होता है.
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