India Inflation: रिजर्व बैंक की तरफ से जारी एमपीसी की बैठक के ब्योरे के अनुसार गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि हमारा महंगाई दर को काबू में करने का काम अभी भी पूरा नहीं हुआ है. इस पर आने वाले समय में भी प्रयास जारी रहेगा.
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MPC Minutes: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) महंगाई को लेकर चिंतित है. केंद्रीय बैंक (RBI) ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के मिनट्स जारी किए. इनमें बताया गया कि अनुकूल मौसम नहीं होने से आपूर्ति में व्यवधान के कारण आने वाले महीनों में महंगाई दर में बढ़ोतरी की संभावना है. आरबीआई (RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास ने खाद्य वस्तुओं के दाम में तेजी से महंगाई पर पर पड़ने वाले असर की आशंका के चलते रेपो रेट को पुराने स्तर पर ही रखने का फैसला किया.
रेपो रेट को बरकरार रखने के पक्ष में मतदान
रिजर्व बैंक ने 10 अगस्त को एमपीसी की बैठक में महंगाई संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा था. एमडी पात्रा, शशांक भिडे, आशिमा गोयल, जयंत आर वर्मा और राजीव रंजन समेत सभी छह सदस्यों ने रेपो रेट को पुराने स्तर पर ही बरकरार रखने के पक्ष में मतदान किया था. आरबीआई की तरफ से जारी एमपीसी की बैठक के ब्योरे के अनुसार दास ने कहा, हमारा महंगाई दर को नियंत्रित करने का काम अब भी पूरा नहीं हुआ है. सब्जियों की कीमतों में उतार-चढ़ाव के मद्देनजर...मौद्रिक नीति रिटेल महंगाई दर इसके प्रारंभिक प्रभाव के असर को देख सकती है.’
आरबीआई को खुदरा महंगाई दर को दो से छह प्रतिशत के दायरे में रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है. केंद्रीय बैंक का इसे चार प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य है. गवर्नर ने कहा, खाने-पीने की कीमतों के आगे भी व्यापक महंगाई दर पर दबाव बनाने और महंगाई बढ़ने को लेकर जो आशंका है, उसे नियंत्रित करने के लिए जोखिम को पहले से ही भांपने और उससे निपटने के लिए तैयार रहने की जरूरत है.’ आरबीआई के डिप्टी गवर्नर पात्रा ने कहा कि महंगाई दर को निर्धारित लक्ष्य तक नीचे लाने के एमपीसी के मकसद के लिए मुख्य मुद्रास्फीति में निरंतर कमी सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है. (इनपुट भाषा से भी)