RBI MPC: जानकारों ने उम्मीद जताई है कि महंगाई और अन्य वैश्विक कारकों के बीच आरबीआई रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर ही कायम रख सकता है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई वाली एमपीसी के फैसले की घोषणा आज की जाएगी.
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Reserve Bank of India: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) का आज आखिरी दिन है. तीन दिन की द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक में विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई है कि महंगाई और अन्य वैश्विक कारकों के बीच आरबीआई नीतिगत दर रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर ही कायम रख सकता है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई वाली एमपीसी के फैसले की घोषणा आज की जाएगी. पिछली तीन एमपीसी से रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है.
अमेरिकी फेड रिजर्व अब भी अपने रुख में आक्रामक
क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री डी के जोशी ने कहा, 'मुझे लगता है कि अगस्त में पिछली एमपीसी बैठक और इस समय के बीच महंगाई बढ़ गई है, वृद्धि मजबूत बनी हुई है. वैश्विक कारक इस अर्थ में थोड़े प्रतिकूल हो गए हैं कि अमेरिकी फेड रिजर्व अब भी अपने रुख में आक्रामक है. ऐसे में आरबीआई (RBI) द्वारा रेपो रेट को पहले के स्तर पर ही बनाए रखने की उम्मीद है.' उन्होंने कहा कि आरबीआई (RBI) वृद्धि की मजबूती देखते हुए महंगाई पर ध्यान बढ़ाएगा.
सावधानी से नजर बनाए रखने की जरूरत
क्रूड ऑयल की कीमत में उतार-चढ़ाव पर सावधानी से नजर बनाए रखने की जरूरत है. बंधन बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री सिद्धार्थ सान्याल ने कहा, 'वृद्धि को लेकर अनिश्चितताओं के कारण वैश्विक व्यापक आर्थिक परिदृश्य जटिल बना हुआ है. यह एमपीसी को सतर्क रहने के लिए प्रेरित करेगा, और दरों के लंबे समय तक ऊंचे बने रहने की संभावना है.' क्रेडिटवाइज कैपिटल के फाउंडर और निदेशक आलेश अवलानी ने कहा, 'अगस्त के बाद से कृषि वस्तुओं की कीमतों में नरमी ने एमपीसी को कुछ राहत दी है, जिससे फिलहाल रेपो रेट में और बढ़ोतरी की संभावना नहीं है.’
टीटागढ़ रेल सिस्टम्स के वाइस चेयरमैन और प्रबंध निदेशक उमेश चौधरी ने कहा, 'सरकार की नीतियों और पूंजीगत व्यय ने निश्चित रूप से बुनियादी ढांचा क्षेत्र की वृद्धि को बढ़ावा दिया है. विनिर्माण क्षेत्र के लिए बहुत सारे अवसर हैं, जिसका अर्थ है कि निजी क्षेत्र को पूंजीगत व्यय करना होगा. इसके लिए, ब्याज दर व्यवस्था बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रहेगी.' (Input : PTI)