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नई दिल्ली: Builder Star Rating: बिल्डर अपने फ्लैट्स बेचने के लिए बड़े-बड़े दावे करते हैं, ग्राहकों को शानदार सैम्पल फ्लैट्स दिखाकर रिझाने की भी कोशिश करते है, लेकिन ग्राहकों के सामने तब भी बिल्डर की विश्वसनीयता को लेकर संशय बना रहता है. ऐसे में सवाल उठता है कि कि क्या ऐसा कोई तरीका है जिससे बिल्डर की विश्वसनीयता को परखा जा सके, ताकि घर खरीदने वालों को धोखे का शिकार न होना पड़े.
उत्तर प्रदेश रियल स्टेट नियामक प्राधिकरण (UP-RERA) ने इस दिशा में सराहनीय काम किया है. UP-RERA फ्लैट खरीदारों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए नया कानून ला रही है. जिसके तहत फ्लैट बिल्डर्स के काम को देखते हुए उसे स्टार रेटिंग (Star Rating) दी जाएगी. नए कानून का प्रस्ताव तैयार हो चुका है. कुछ दिन पहले इसे लेकर एक मीटिंग हुई थी, जिसमें इसे हरी झंडी दी गई है. RERA ने इस प्रस्ताव को अंतिम मजूरी के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को भेज दिया है.
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बिल्डर टीवी, अखबार और सड़क किनारे बड़े बड़े होर्डिंग के जरिए ग्राहकों को लुभाने की कोशिश करते हैं. बिल्डरों की धोखाधड़ी का शिकार सबसे ज्यादा नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे के प्रोजेक्ट्स हैं. RERA का नया कानून इन तीनों अथॉरिटीज के दायरे में आने वाले प्रोजेक्ट्स के साथ साथ पूरे उत्तर प्रदेश में लागू होगा. इस नए कानून में RERA बिल्डरों को उनके काम के हिसाब से स्टार रेटिंग देगा, अच्छे बिल्डर्स को ज्यादा स्टार रेटिंग और खराब बिल्डर को कम स्टार रेटिंग मिलेगी.
इस स्टार रेटिंग को देखकर कोई भी ग्राहक ये तय कर सकेगा कि उसे बिल्डर के प्रोजेक्ट में पैसा लगाना है या नहीं. अगर किसी बिल्डर की स्टार रेटिंग 1 स्टार या 2 स्टार है, तो इससे ग्राहक को पता चल सकेगा कि बिल्डर का ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा नहीं है. 4 और 5 स्टार वाले बिल्डर्स को लोग ज्यादा तवज्जो देंगे क्योंकि उसका ट्रैक रिकॉर्ड बेहतर होगा. यूपी सरकार की मंजूरी मिलते ही रेरा इस नए कानून को लागू कर देगी.
RERA से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक 1 स्टार वाले बिल्डर को खराब, 2 स्टार वाले को कम अच्छा, 3 स्टार वाले को औसत बिल्डर, 4 स्टार वाले को स्ट्रॉन्ग और 5 स्टार वाले को एक्सीलेंट बिल्डर माना जाएगा. ऐसे में बिल्डरों के ऊपर भी अच्छा परफॉर्म करने का दबाव बनेगा, अगर वो ऐसा नहीं करेंगे तो उनके लिए बाजार में टिकना मुश्किल हो जाएगा.
बिल्डर अगर अपनी स्टार रेटिंग को 4 स्टार या 5 स्टार चाहता है तो उसे पजेशन वक्त पर देना होगा. अगर बिल्डर तय वक्त पर फ्लैट सौंप देता है तो उसे 5 स्टार मिलेगा. तय वक्त से 4 महीने की देरी होने पर 4 स्टार मिलेगा और 8 महीने की देर होने पर 3 स्टार मिलेगा. अगर पजेशन देने में एक साल की देरी हुई तो 2 स्टार रेटिंग मिलेगी.
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