भारी उद्योग मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार सभी तरह के वाहनों पर जीएसटी रेट में कटौती करने की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की मांग पर विचार कर रही है और इस बारे में बहुत जल्द घोषणा की जाएगी.
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नई दिल्लीः ऑटो इंडस्ट्री को बड़ी राहत मिलने वाली है. शुक्रवार (4 सितंबर) को केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) ने ऑटो इंडस्ट्री के लिए अच्छे संकेत दिए हैं. भारी उद्योग मंत्री (The Heavy Industries Minister) प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार सभी तरह के वाहनों पर जीएसटी रेट में कटौती करने की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की मांग पर विचार कर रही है और इस बारे में बहुत जल्द घोषणा की जाएगी. उन्होंने GST को लेकर कहा, ''हम जीएसी घटाने के बारे में फिलहाल सहमत नहीं हो सकते, लेकिन इसका मतलब अंतिम भी नहीं है.'' जावड़ेकर ने ये बातें ऑटो इंडस्ट्री के संगठन सियाम (SIAM) के एक कार्यक्रम में कही हैं.
जावड़ेकर ने भरोसा दिया कि जीएसटी (Goods and Services Tax) में अस्थायी कटौती की इंडस्ट्री की मांग के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बात करेंगे. उन्होंने कहा, ''वित्त मंत्रालय इस प्रस्ताव की विस्तृत रूपरेखा तैयार कर रहा है. दुपहिया, तिपहिया, पब्लिक ट्रांसपोर्ट और चौपहिया वाहनों पर चरणबद्ध तरीके से राहत मिलनी चाहिए. उम्मीद है कि आपको जल्दी ही खुशखबरी मिलेगी.''
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सस्ती हो सकती हैं गाड़ियां
केंद्रीय मंत्री ने एक कार्यक्रम में कहा कि वित्त मंत्रालय इस प्रस्ताव की रूपरेखा तैयार कर रहा है. दुपहिया (Two-wheelers), तिपहिया (Three wheelers), पब्लिक ट्रांसपोर्ट और चौपहिया वाहनों पर फेज वाइज तरीके से राहत मिल सके. जानकारी के लिए बता दें कि मौजूदा वक्त में गाड़ियों पर 28 फीसदी जीएसटी लगता है. वाहन उद्योग ने इसे घटाकर 18 फीसदी करने की मांग की थी. पिछले माह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टू व्हीलर्स पर जीएसटी रेट में कटौती करने का संकेत दिया था और अब जावड़ेकर ने भी संकेत दिए हैं. ऐसे में अगर आप मोटरसाइकिल या कोई भी वाहन खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो आपके लिए राहत भरी खबर है. क्योंकि केंद्र सरकार सभी तरह के व्हीकल्स पर जीएसटी रेट में 10 फीसदी कटौती करने पर विचार कर रही है.
कोविड-19 को लेकर भारी उद्योग मंत्री ने कहा कि कोरोना से हर व्यक्ति और हर क्षेत्र प्रभावित हुआ है. सरकार के खजाने पर भी इसका असर हुआ है और उद्योगों को मदद करने की उसकी क्षमता प्रभावित हुई है. उन्होंने कहा कि भारतीय वाहन उद्योग ने वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई है और अब उसे आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ते हुए निर्यात बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए.