सैमसंग 2020 तक उत्तर प्रदेश में करेगी ₹5000 करोड़ का निवेश, भारत को निर्यात केंद्र बनाने का इरादा
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सैमसंग 2020 तक उत्तर प्रदेश में करेगी ₹5000 करोड़ का निवेश, भारत को निर्यात केंद्र बनाने का इरादा

सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स उत्तर प्रदेश में 2020 तक मोबाइल फोन प्रॉडक्शन कैपेसिटी दोगुना करने के लिए 5,000 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रही है. यह दक्षिण कोरिया की कंपनी का भारत में अब तक का सबसे बड़ा निवेश होगा. अभी भी सैमसंग भारत में चीन की हैंडसेट कंपनियों के मुकाबले अच्छी बढ़त बनाए हुए है. पिछले साल कंपनी ने 2,000 करोड़ रुपये के निवेश का वादा किया था. वह भी इस 5,000 करोड़ रुपये की रकम में शामिल है.

सैमसंग ने 1996 में नोएडा प्लांट शुरू किया था. इसका एक प्लांट चेन्नई में भी है. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स उत्तर प्रदेश में 2020 तक मोबाइल फोन प्रॉडक्शन कैपेसिटी दोगुना करने के लिए 5,000 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रही है. यह दक्षिण कोरिया की कंपनी का भारत में अब तक का सबसे बड़ा निवेश होगा. अभी भी सैमसंग भारत में चीन की हैंडसेट कंपनियों के मुकाबले अच्छी बढ़त बनाए हुए है. पिछले साल कंपनी ने 2,000 करोड़ रुपये के निवेश का वादा किया था. वह भी इस 5,000 करोड़ रुपये की रकम में शामिल है.

दुनिया और भारत की सबसे बड़ी स्मार्टफोन कंपनी का इरादा भारत को मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट सेंटर बनाने का है. वह यहां से यूरोप, पश्चिम एशिया, अफ्रीका और दूसरे देशों में हैंडसेट भेजना चाहती है. एक सीनियर गवर्नमेंट ऑफिशियल ने ईटी को बताया कि सैमसंग 2020 से हैंडसेट का एक्सपोर्ट शुरू कर सकती है. एक अन्य अधिकारी ने बताया, 'सैमसंग का यह भारत में सबसे बड़ा निवेश होगा. नोएडा में मौजूदा प्लांट के करीब कंपनी ने कुछ और जमीन ली है. इससे उसके पास यहां पहले से दोगुनी जमीन हो गई है.' 

सैमसंग भारत में बेचे जाने वाले सभी फोन यहीं बनाती है. हालांकि, उसने निवेश के बारे में कमेंट करने से मना कर दिया. लोकल प्रॉडक्शन से कंपनी को प्राइस कम रखने में मदद मिलती है और सप्लाई चेन पर उसका कंट्रोल रहता है. वह मार्केट में जल्द प्रॉडक्ट्स की सप्लाई कर पाती है. भारत के कॉम्पिटीटिव हैंडसेट मार्केट में सफलता के लिए ये सारी चीजें मायने रखती हैं. सैमसंग और एपल का मुकाबला यहां चीन की शाओमी, ओपो, विवो और लेनोवो से है. इसके अलावा माइक्रोमैक्स जैसी भारतीय कंपनियां भी इस सेगमेंट में जोर-आजमाइश कर रही हैं.

सैमसंग की योजना से वाकिफ सरकारी अधिकारियों ने बताया कि यह निवेश 2019-20 तक नोएडा प्लांट में किया जाएगा. इससे कंपनी यहां फ्रिज की प्रॉडक्शन कैपेसिटी भी बढ़ाएगी, लेकिन फोकस मोबाइल फोन का प्रॉडक्शन बढ़ाने पर होगा. कंपनी अभी साल में 1.2-1.3 करोड़ यूनिट्स हैंडसेट का प्रॉडक्शन करती है, जिसे बढ़ाकर 5 करोड़ तक ले जाने की योजना बनाई गई है. 

सैमसंग का एक प्लांट चेन्नई में भी है. 2015 से मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग सरकार के 'मेक इन इंडिया' प्रोग्राम का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है. तब से इंपोर्ट करने के बजाय देश में मोबाइल फोन बनाना सस्ता पड़ रहा है. सैमसंग ने 1996 में नोएडा प्लांट शुरू किया था. वह यहां वाइट गुड्स और मोबाइल फोन बना रही है. इंटरनेशनल डेटा कॉरपोरेशन इंडिया के सीनियर एनालिस्ट एन सिंह ने बताया, 'सैमसंग के लिए भारत इंपॉर्टेंट मार्केट है. उसने दूसरी कंपनियों की तुलना में यहां 10-15 साल पहले कदम रखा था. इसलिए किसी और देश के बजाय यहां सैमसंग के निवेश करने के फैसले को समझा जा सकता है.' सैमसंग चीन और वियतनाम में भी मोबाइल फोन बनाती है.

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