SBI फिर लाया अपने कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट स्कीम, देखिए इसके फायदे और नुकसान
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SBI फिर लाया अपने कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट स्कीम, देखिए इसके फायदे और नुकसान

अगर आप SBI के कर्मचारी हैं और अपनी नौकरी से खुश नहीं है या फिर कुछ और काम करना चाहते हैं. लेकिन मजबूरी ये है कि आप नौकरी छोड़ नहीं सकते, क्योंकि घर भी चलाना है. आप जैसे कर्मचारियों के लिए SBI एक नई वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम (VRS) लेकर आ रहा है.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: अगर आप SBI के कर्मचारी हैं और अपनी नौकरी से खुश नहीं है या फिर कुछ और काम करना चाहते हैं. लेकिन मजबूरी ये है कि आप नौकरी छोड़ नहीं सकते, क्योंकि घर भी चलाना है. आप जैसे कर्मचारियों के लिए SBI एक नई वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम (VRS) लेकर आ रहा है. इसमें मुख्य फोकस उन कर्मचारियों पर है जिनको तरक्की नहीं मिल रही है. नई पॉलिसी में ऐसे कर्मचारियों पर फोकस है जो लगातार तीन या उससे ज्यादा तरक्की के मौके खो चुके हैं. बैंक की पॉलिसी के मुताबिक ऐसे कर्मचारियों को सम्मानजनक रास्ता देकर रिटायरमेंट की स्कीम बनाई गई है. ताकि ऐसे लोग बैंक के बाहर कहीं और अपना नया करियर बनाना चाहें तो उनके लिए मौका बन सके. SBI का मकसद इस VRS के जरिए अपने कर्मचारियों की संख्या घटाना है. 

  1. SBI फिर लाया कर्मचारियों के लिए नई VRS स्कीम
  2. स्कीम के जरिए कर्मचारियों की संख्या घटाएगा SBI
  3. VRS स्कीम में कई तरह के फायदे देगा SBI 

SBI की VRS स्कीम किसके लिए है
इस स्कीम में वो कर्मचारी हिस्सा ले सकते हैं जिनकी उम्र 55 साल है, जिनको नौकरी करते हुए 25 साल पूरे कर चुके हैं. 
जो लोग स्वास्थ्य कारणों या फिर चल फिर पाने में असहज हैं उनके लिए भी ये स्कीम खुली है
स्टेट बैंक में विलय हो चुके बाकी बैंकों के कर्मचारी भी इस स्कीम में हिस्सा ले सकेंगे

 

SBI की VRS स्कीम किसके लिए नहीं 
1. CA, CFA, फॉरेक्स डीलर और रिस्क मैनेजमेंट सहित दूसरे मामलों में ऊंची काबिलियत रखने वाले कर्मचारियों के लिए ये स्कीम नहीं होगी
2. जो स्टाफ कॉन्ट्रैक्ट पर हैं उनके लिए भी ये स्कीम नहीं है
3. जो लोग निलंबित हैं या जिनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई चल रही है वो भी इस स्कीम में हिस्सा नहीं ले सकेंगे
4. ऐसे कर्मचारी जिनके खिलाफ CBI और ED जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियां जांच कर रही हैं वो भी इस स्कीम से बाहर होंगे
5. जो कर्मचारी इस स्कीम में हिस्सा लेते हैं वो 2 साल के बाद बैंक के साथ फिर से जुड़ सकते हैं  
 
स्कीम से क्या फायदा होगा 
1.
स्कीम में हिस्सा लेने वाले कर्मचारियों को उनकी बची हुई नौकरी की मियाद के 50% के बराबर वेतन मिलेगा
2. लेकिन ये मौजूदा वेतन के 18 महीने की रकम से ज्यादा नहीं होगा
3. वेतन पर नियमों के मुताबिक इनकम टैक्स भी चुकाना होगा 
4. नियमों के मुताबिक ग्रेच्युटी और प्रॉविडेंट फंड का भी लाभ मिलेगा
5. पेंशन, बची छुट्टी का नगदीकरण (Encashment) की भी सुविधा रहेगी.
6. बैंक पॉलिसी के तहत रियायती दरों पर हाउसिंग लोन, कार लोन, एजुकेशन लोन मिलेगा
7. अगर कर्मचारी ने पहले लोन लिया है तो उसकी भरपाई पहले ही करनी होगी
8. VRS लेने के बाद जिस जगह कर्मचारी सेटल हो रहा है उसका ट्रैवल अलाउंस और बैगेज अलाउंस भी मिलेगा 
9. अगर कोई कर्मचारी बैंक की ओर से दिया गया फर्नीचर या दूसरी चीजें अपने साथ ले जाना चाहता है तो उसे बैंक के नियमों के तहत रकम अदा करनी होगी
10. स्कीम लेने वाले लोग सेटलमेंट में दी जा रही रकम को किसी भी तरह से चुनौती नहीं देंगे, उनके उत्तराधिकारी भी कानूनी तौर पर चुनौती नहीं दे सकेंगे  

स्कीम में अर्जी कब?  
स्कीम हर साल के एक दिसंबर से शुरू होगी और फरवरी के अंत तक खुली रहेगी. जो लोग अर्जी देकर वापस लेना चाहते हैं उनके लिए 15 दिन का मौका मिलेगा.  

VRS स्कीम से कितनी बचत 
बैंक का अनुमान है कि तय पैमाने के तहत 11565 अधिकारियों और 18625 जूनियर कर्मचारियों को स्कीम में शामिल होने का मौका मिलेगा. बैंक के मुताबिक अनुमानित सभी कर्मचारी इसमें हिस्सा लेते हैं तो बैंक के करीब 2171 करोड़ रु बचेंगे. जबकि 30% स्टाफ हिस्सा लेते हैं तो करीब 1663 करोड़ रुपये की बचत होगी. बचत की गणना के लिए जुलाई महीने की सैलरी को आधार बनाया गया है.  

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