देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का पूरा ढांचा एक अप्रैल से बदलने जा रहा है. इसमें देश के अन्य 6 बैंकों का विलय हो गया है. विलय होने वाले बैंकों के ग्राहक एक अप्रैल से एसबीआई के ग्राहक कहलाएंगे. साथ ही बैंक अपनी सर्विस चार्ज में भी बदलाव कर रहा है. इसका सीधा असर बैंक ग्राहकों पर पड़ना तया है.
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नई दिल्ली : देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का पूरा ढांचा एक अप्रैल से बदलने जा रहा है. इसमें देश के अन्य 6 बैंकों का विलय हो गया है. विलय होने वाले बैंकों के ग्राहक एक अप्रैल से एसबीआई के ग्राहक कहलाएंगे. साथ ही बैंक अपनी सर्विस चार्ज में भी बदलाव कर रहा है. इसका सीधा असर बैंक ग्राहकों पर पड़ना तया है.
कैश ट्रांजैक्शन लिमिट में कटौती, मिनिमम बैलेंस में वृद्धि
एसबीआई एक अप्रैल से होम ब्रांच में कैश ट्रांजैक्शन की सीमा को घटाने जा रहा है. तीन ट्रांजैक्शन के बाद ग्राहक को 50 रुपये प्रति ट्रांजैक्शन चार्ज देना होगा. इसके अलावा प्राइवेट बैंकों की तरह एसबीआई ने मंथली एवरेज बैलेंस सिस्टम भी लागू कर दिया है. इसके तहत मेट्रो शहरों में ग्राहकों को 5000 रुपए का बैलेंस बनाए रखना होगा। जिसमें नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद और बंगलुरू शामिल हैं. शहरी शाखाओं के कस्टमर के लिए 3000 रुपए, अर्ध शहरी के लिए 2000 और ग्रामीण शाखाओं के लिए 1000 रुपए मंथली एवरेज बैंलेंस लागू होगा।
विलय से एसबीआई दुनिया के टॉप-50 बैंकों में शामिल
पांच बैंकों के विलय से एसबीआई का एसेट बेस करीब 37 लाख करोड़ रुपए (555 अरब डॉलर) होगा. साथ ही 22500 ब्रांच और 58 हजार एटीएम होंगे. नए बैंक के 50 करोड़ से ज्यादा कस्टमर होंगे जिसके जरिए वह दुनिया के टॉप-50 बैंकों में शामिल हो जाएगा. जिन बैंकों का विलय एसबीआई में हुआ है उनमें स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, भारतीय महिला बैंक, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर शामिल हैं.