SBI: केंद्रीय बैंक ने कहा कि एसबीआई और एचडीएफसी बैंक के लिए हाई डी-एसआईबी अधिभार 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा. इसलिए 31 मार्च 2025 तक एसबीआई और एचडीएफसी बैंक पर लागू डी-एसआईबी अधिभार क्रमशः 0.60 प्रतिशत और 0.20 प्रतिशत होगा.
Trending Photos
HDFC Bank: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) भारतीय स्टेट बैंक (SBI), एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) और आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) को फिर से घरेलू प्रणालीगत रूप से अहम बैंकों (डी-एसआईबी) की लिस्ट में शामिल किया है. आरबीआई (RBI) की तरफ से बुधवार को डी-एसआईबी की लिस्ट जारी की गई. इस लिस्ट में शामिल होने के लिए ऋणदाताओं को उस ‘बकेट’ के अनुसार पूंजी संरक्षण भंडार के अतिरिक्त उच्च ‘कॉमन इक्विटी टियर 1’ (सीईटी 1) बनाए रखना जरूरी है, जिसके अंतर्गत इसे वर्गीकृत किया गया है.
एचडीएफसी बैंक को ‘बकेट 2’ में रखा गया
लिस्ट के अनुसार, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) अब भी ‘बकेट 4’ में बना हुआ है, जिसके लिए देश के सबसे बड़े ऋणदाता को 0.80 प्रतिशत का अतिरिक्त सीईटी-1 रखना होगा. प्राइवेट सेक्टर के सबसे बड़ा ऋणदाता एचडीएफसी बैंक को ‘बकेट 2’ में रखा गया है, जिसके तहत उसे 0.40 प्रतिशत अधिक सीईटी-1 बनाए रखना होगा. केंद्रीय बैंक ने कहा कि एसबीआई और एचडीएफसी बैंक के लिए उच्च डी-एसआईबी अधिभार 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा. ‘इसलिए 31 मार्च 2025 तक एसबीआई और एचडीएफसी बैंक पर लागू डी-एसआईबी अधिभार क्रमशः 0.60 प्रतिशत और 0.20 प्रतिशत होगा.’
31 मार्च तक के आंकड़ों के आधार पर कैटेगराइजेशन
आईसीआईसीआई बैंक को ‘बकेट 1’ में कैटेगराइज्ड किया गया है, जिसमें प्राइवेट सेक्टर के दूसरे सबसे बड़े ऋणदाता को सीईटी 1 भंडार में अतिरिक्त 0.20 प्रतिशत बनाए रखना होगा. आरबीआई ने कहा कि यह वर्गीकरण 31 मार्च 2024 तक बैंकों से इकट्ठा किये गए आंकड़ों पर आधारित है. केंद्रीय बैंक ने पहली बार 2014 में डी-एसआईबी से निपटने के लिए रूपरेखा की घोषणा की थी. 2015 और 2016 में एसबीआई और आईसीआईसीआई बैंक को इस सूची में शामिल किया था. 2017 में अन्य दो बैंकों के साथ एचडीएफसी बैंक को भी सूची में शामिल किया गया था. (भाषा)