मार्च 2019 में सेबी ने साफ किया था कि जो भी ट्रांसफर रिक्वेस्ट 1 अप्रैल 2019 को दायर की गई थीं, जिन्हें किसी वजह से रिजेक्ट कर दिया गया या वापस लौटा दिया गया, उन्हें जरूरी डॉक्यूमेंट्स के साथ दोबारा दायर किया जा सकता है.
Trending Photos
नई दिल्ली: आपके किसी कंपनी के फिजिकल शेयर्स (physical shares) हैं, और आप उन्हें Demat में नहीं बदल पाए हैं तो आपके पास एक और मौका है. मार्केट रेगुलेटर SEBI ने इसके लिए नई ऑपरेशनल गाइडलाइंस जारी की है. जिसके तहत दोबारा ट्रांसफर आवेदन वाले शेयरों को Demat Account में ट्रांसफर किया जा सकता है.
SEBI की ओर से जारी सर्कुलर के मुताबिक दोबारा ट्रांसफर रिक्वेस्ट (Transfer Request) देने के बाद RTA (एक इश्यू का रजिस्ट्रार और शेयर ट्रांसफर एजेंट) फिजिकल शेयर को ले लेगा और निवेशक को एक कंफर्मेशन लेटर के जरिए ट्रांसफर की जानकारी देगा. निवेशक को ये लेटर स्पीड पोस्ट या ई-मेल के जरिए भेजा जाएगा, जिस पर डिजिटल साइन होंगे. इस लेटर में निवेशक के फिजिकल शेयरों के एंडोर्समेंट और फोलियो की जानकारी होगी.
लेटर ऑफ कंफर्मेशन जारी होने के 90 दिन के अंदर निवेशक को डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट को इस लेटर के साथ डीमैट रिक्वेस्ट देना होगा. RTA भी लेटर ऑफ कंफर्मेशन जारी होने के 60 दिन के बाद एक रिमाइंडर निवेशक को भेजेगा और निवेशक से डीमैट रिक्वेस्ट दायर करने के लिए कहेगा. सेबी के सर्कुलर के मुताबिक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट लेटर ऑफ कंफर्मेशन के आधार पर डीमैट रिक्वेस्ट की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगा.
ये भी पढ़ें: RBI Credit Policy: क्या ब्याज दरों में होगा बदलाव, कल पॉलिसी में होगा ऐलान
अगर शेयरों में लॉक-इन की जरूरत है, तब RTA डीमैट रिक्वेस्ट दायर करने के समय ही डिपॉजिटरी को लॉक इन और उसकी समयाविधि की जानकारी देगा. ऐसे शेयर ट्रांसफर रजिस्ट्रेशन के 6 महीने के बाद तक डीमैट फॉर्म में लॉक इन रहेंगे. यानि इन्हें बेचा नहीं जा सकेगा. अगर लेटर ऑफ कंफर्मेशन के 90 दिन बाद तक निवेशक की ओर से डीमैट रिक्वेस्ट नहीं भेजा जाता है, तो ये शेयर्स कंपनी के सस्पेंड एस्क्रो अकाउंट में डाल दिए जाते हैं.
आपको बता दें कि सेबी ने दोबारा शेयर ट्रांसफर रिक्वेस्ट दायर करने के लिए 31 मार्च 2021 कट ऑफ तारीख रखी है. फिजिकल फॉर्म में रखे गए शेयरों के ट्रांसफर पर 1 अप्रैल 2019 से हो रोक लगा दी गई है, लेकिन निवेशकों पर शेयरों को फिजिकल फॉर्म में रखे जाने पर कोई रोक नहीं है.
ये भी पढ़े: चीन की निकल गई हेकड़ी, भारत से चावल खरीदने को हुआ मजबूर
LIVE TV