मौजूदा वैश्विक आर्थिक व्यवस्था में गंभीर त्रुटियां: अध्ययन
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मौजूदा वैश्विक आर्थिक व्यवस्था में गंभीर त्रुटियां: अध्ययन

मौजूदा वैश्विक आर्थिक व्यवस्था को ‘गंभीर त्रुटियों’ वाला करार देते हुए एक नए अध्ययन में कहा गया है कि सतत कारोबारी योजनाओं से 12,000 अरब डॉलर की नयी आर्थिक संभावनाएं पैदा हो सकती हैं और इससे 2030 तक करीब 38 करोड़ नौकरियों का सृजन हो सकता है।

दावोस: मौजूदा वैश्विक आर्थिक व्यवस्था को ‘गंभीर त्रुटियों’ वाला करार देते हुए एक नए अध्ययन में कहा गया है कि सतत कारोबारी योजनाओं से 12,000 अरब डॉलर की नयी आर्थिक संभावनाएं पैदा हो सकती हैं और इससे 2030 तक करीब 38 करोड़ नौकरियों का सृजन हो सकता है।

विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की यहां आज शाम से शुरू होने वाली 5 दिवसीय बैठक से पहले यह अध्ययन जारी किया गया है। कारोबार एवं सतत विकास आयोग का कहना है कि अगला दशक कंपनियों के लिए मुश्किल भरा है क्योंकि उन्हें 60 प्रमुख बाजार क्षेत्रों को खोलना होगा, सामाजिक और पर्यावरण चुनौतियों से जूझना होगा और समाज में फिर से विश्वास कायम करना होगा। सिविल सोसायटी और 35 से ज्यादा कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों का एक समूह बनाकर यह अध्ययन किया गया है। आयोग ने ‘बैटर बिजनेस, बैटर वर्ल्ड’ शीर्षक से यह रिपोर्ट जारी की है।

रिपोर्ट के अनुसार, ‘सतत कारोबारी मॉडलों से 12000 अरब डॉलर के नए आर्थिक अवसरों को शुरू किया जा सकता है और इससे 2030 तक 38 करोड़ रोजगार पैदा हो सकते हैं।’ इसके अनुसार सतत विकास के लक्ष्यों और वैश्विक लक्ष्यों को वैश्विक अर्थव्यवस्था की रणनीति में जोड़कर वृद्धि और उत्पादकता को नयी दिशा दी जा सकती है और सतत बुनियादी विकास में निवेश को बढ़ाना एक महत्वपूर्ण बदलाव होगा।

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