30 सितंबर इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख है. अगर आपने अबतक रिटर्न फाइल करना शुरू नहीं किया है तो आज ही कर दीजिए. लेकिन इसके पहले कुछ जरूरी बातें समझ लीजिए.
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नई दिल्ली: Income Tax Return: कोरोना महामारी की वजह से बीते एक साल में लोगों ने काफी तकलीफें उठाईं हैं. किसी की नौकरी चली गई, किसी की नौकरी बची रही तो सैलरी में कटौती हुई. ऐसे में लोगों ने अपने घर का खर्च चलाने के लिए अपनी जिंदगी भर की जमा पूंजी को निकालना शुरू कर दिया.
सरकार ने भी ऐसे हालात की गंभीरता को समझा और टैक्सपेयर्स को राहत देने के लिए नियमों में कुछ बदलाव किए. जैसे- सरकार ने लोगों को इजाजत दी कि वो अपना EPF का पैसा निकाल सकते हैं और इस पर कोई टैक्स भी नहीं लिया जाएगा. हालांकि ये EPF का पैसा टैक्स फ्री जरूर है, लेकिन इसे आपको अपने इनकम टैक्स रिटर्न में जरूर दिखाना होगा. इसके अलावा भी ऐसी कई चीजें हैं जिसे ITR दाखिल करते समय आपको ध्यान रखना होगा.
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कोरोना महामारी के दौरान नौकरी गंवाने और सैलरी में कटौती के अलावा कई लोगों की सैलरी वक्त पर नहीं आई. इसलिए जब आप इनकम टैक्स रिटर्न भरने जाएं तो इस बात का जरूर ख्याल रखें कि आपने सैलरी इनकम पर सही टैक्स की राशि दी है. क्योंकि आमतौर पर कर्मचारी टैक्स डिडक्शन को लेकर ज्यादा फिक्र नहीं करते क्योंकि उनका एम्प्लॉयर उनकी जगह पर ये काम करता है.
हालांकि, टैक्स कानून में एक गड़बड़ी है जिसकी वजह से आपको कम टैक्स चुकाना हो या कंपनी कम टैक्स काटा हो, ऐसे में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपको नोटिस भेज सकता है या पेनल्टी लगा सकता है. तो चलिए सबसे पहले सैलरी पर कैसे टैक्स लगता है इसे ही समझते हैं.
मान लीजिए कि आपकी कंपनी ने मार्च की सैलरी का टाल दिया और इसका भुगतान अप्रैल में किया, जो कि अगला वित्त वर्ष है, तो मार्च में इस पर टैक्स बकाया है. सैलरीड क्लास एडवांस टैक्स भी भरता है. आपको उस पर टैक्स चुकाना होगा, ये बात जानते हुए भी कि आपकी कंपनी सैलरी का भुगतान करने से पहले ही TDS काट लेगी.
अब जब अगर आपकी कंपनी ने सैलरी के उस हिस्से पर टैक्स नहीं काटा है, क्योंकि पेमेंट टाल दिया गया था. तब कर्मचारी की जिम्मेदारी बनती है कि वो एडवांस टैक्स भरे या उस हिस्से पर सेल्फ असेसमेंट टैक्स चुकाए. क्योंकि सैलरी Due Basis पर टैक्सेबल है. अगर ऐसा नहीं किया गया तो कर्मचारी पर ब्याज और पेनल्टी लग सकती है. अगले वित्तीय वर्ष में टाले गए सैलरी के हिस्से के लिए एम्पलॉयर की ओर से काटे गए टीडीएस को रिफंड के रूप में दावा किया जा सकता है.
पिछले साल कोरोना की वजह से लोगों की पैसों की काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, इसलिए लोगों ने अपने प्रॉविडेंट फंड का पैसा निकाला. सरकार ने भी दो बार PF अकाउंट से नॉन रिफंडबल एडवांस निकालने की सहूलियत दी. इसमें EPF सदस्य अपनी तीन महीने की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते के बराबर नॉन रिफंडबल एडवांस हासिल कर सकता है या मेंबर के 75 परसेंट क्रेडिट में से जो कम हो, वो निकाल सकता है.
हालांकि इस तरह की सुविधा से निकाले गए पैसे टैक्स फ्री जरूर होते हैं, लेकिन इन्हें कर्मचारी को अपने ITR में दिखाना जरूरी होता है. इस तरह की निकासी को ITR में ‘exempt income’ के तौर पर दिखाया जा सकता है. इसलिए अगर आप ITR दाखिल करने जा रहे हैं तो इन बातों का जरूर ध्यान रखें.
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