सीबीआई ने एक बयान में कहा कि अदालत ने ऊटी के पूर्व शाखा प्रबंधक श्रीधर, सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल एस. सुंदरम और एक अन्य व्यक्ति आर. संजीवी को मामले में दोषी पाया और प्रत्येक को तीन वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई.
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चेन्नई: कोयम्बटूर में एक करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की याचिका पर मामले की सुनवाई कर रही एक विशेष अदालत ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व शाखा प्रबंधक और दो अन्य आरोपियों को दोषी करार दिया. सीबीआई ने एक बयान में कहा कि अदालत ने ऊटी के पूर्व शाखा प्रबंधक श्रीधर, सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल एस. सुंदरम और एक अन्य व्यक्ति आर. संजीवी को मामले में दोषी पाया और प्रत्येक को तीन वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई.
सीबीआई ने तीनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत जांच और आरोप पत्र दायर किया था. सीबीआई ने आरोप-पत्र में कहा कि तीनों लोगों ने एक आपराधिक षड्यंत्र कर जमाकर्ता के ज्ञान के बिना नकली दस्तावेजों को तैयार किया और विदेशी मुद्रा गैर-निवासी (एफसीएनआर) डिपॉजिट के जरिए थर्ड पार्टी लोन के साथ सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को धोखा दिया.