Sugar High Production: तेल के बाद चीनी के रेट भी होंगे कम! अगले महीने शुरू हो जाएंगी चीनी म‍िल
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Sugar High Production: तेल के बाद चीनी के रेट भी होंगे कम! अगले महीने शुरू हो जाएंगी चीनी म‍िल

Sugar Price: योगी आदित्यनाथ सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले पिछले साल सितंबर में एसएपी को 315 रुपये से बढ़ाकर 340 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया था.

Sugar High Production: तेल के बाद चीनी के रेट भी होंगे कम! अगले महीने शुरू हो जाएंगी चीनी म‍िल

Sugar Production:उत्तर प्रदेश में चीनी का अध‍िक उत्पादन इसके निर्यात पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है. आने वाले गन्ना पेराई सत्र में चीनी की भारी मात्रा बाजार में उपलब्ध रहेगी. आगामी पेराई सत्र 2022-23 में 100 मीट्रिक टन से अधिक के अनुमानित चीनी उत्पादन के मुकाबले, राज्य की अपनी खपत 40 मीट्रिक टन रहने की संभावना है. अगर राज्य विफल रहता है तो चीनी का एक बड़ा हिस्सा मिलों में जमा हो जाएगा.

77 रुपये लीटर हुआ पॉम ऑयल का दाम
जानकारों का कहना है बड़ी मात्रा में म‍िलों में चीनी जमा होने से इसके दाम में कमी आने की उम्‍मीद है. प‍िछले द‍िनों खाने के तेल की कीमत में भी कमी हुई थी. पॉम ऑयल का दाम घटकर 77 रुपये लीटर पर आ गया है. ज‍िससे आने वाले द‍िनों में खाने का तेल और सस्‍ता हो सकता है. हालांक‍ि कंपन‍ियों का तर्क है क‍ि अन्‍य खर्च में बढ़ोतरी होने के कारण अभी तेल की कीमत में कमी करना संभव नहीं है.

अगले महीने शुरू होंगी चीनी म‍िल
चीनी मिलों का परिचालन अगले महीने शुरू होने की उम्मीद है. चीनी उत्पादन लागत मुख्य रूप से राज्य सलाहकार मूल्य (SAP) द्वारा नियंत्रित होती है, जो उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक है. योगी आदित्यनाथ सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले पिछले साल सितंबर में एसएपी को 315 रुपये से बढ़ाकर 340 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया था.

उत्पादन लागत 35 रुपये क‍िलो पर पहुंची
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि, इससे चीनी उत्पादन की लागत करीब 31 रुपये से बढ़कर 35 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है. चीनी उद्योग ने अब इथेनॉल के निर्माण के लिए गन्ने के डायवर्जन की मांग की है. इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि पिछले साल स्थिति अपेक्षाकृत उपयुक्त थी जब निर्यात होता था.

केंद्र ने निर्यात नीति की घोषणा नहीं की
इस साल उद्योग आशंकाओं से भरा हुआ है, जबकि केंद्र ने अभी तक अपनी निर्यात नीति की घोषणा नहीं की है. यूपी शुगर मिल्स एसोसिएशन (UPSMA) ने पहले ही गन्ना मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी और गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी को अपना अभ्यावेदन (Representations) सौंप दिया है, जिसमें उनके हस्तक्षेप की मांग की गई है.

उद्योग सूत्रों ने कहा कि चीनी निर्यात नीति की समय पर घोषणा के चलते भारत से एक करोड़ टन चीनी का निर्यात हुआ. गन्ना विकास विभाग के एक अधिकारी ने कहा, हम इसका इंतजार कर रहे हैं. यह एक फैसला है जो केंद्र को जल्द लेना चाहिए.

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