सुरेश प्रभु ने कहा, WTO में नए मुद्दे विकास एजेंडा की कीमत पर नहीं
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सुरेश प्रभु ने कहा, WTO में नए मुद्दे विकास एजेंडा की कीमत पर नहीं

प्रभु ने कहा कि वार्ताओं के लिए वार्ता की ‘प्लेट’ पहले ही भर चुकी है और दोहा विकास दौर जैसे लंबित मुद्दों को पहले पूरा किया जाना चाहिए.

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: भारत ने शुक्रवार (24 नवंबर) को कहा कि वह विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में ई-कॉमर्स जैसे नए मुद्दों पर विचार विमर्श के खिलाफ नहीं है, लेकिन यह विकास एजेंडा की कीमत पर नहीं होना चाहिए. केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि हम इन मुद्दों पर विचार विमर्श के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इनका इस्तेमाल विकास एजेंडा विशेषरूप से दोहा दौर के महत्व को कम करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए. प्रभु ने कहा कि वार्ताओं के लिए वार्ता की ‘प्लेट’ पहले ही भर चुकी है और दोहा विकास दौर जैसे लंबित मुद्दों को पहले पूरा किया जाना चाहिए.

प्रभु ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘कुछ देश ई-कॉमर्स जैसे मुद्दे उठा रहे हैं. यदि आप इन पर विचार विमर्श करना चाहते हैं तो पहले इन पर कार्य कार्यक्रम में विचार किया जाना चाहिए. इसे वार्ता की स्थिति में नहीं पहुंचाया जाना चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम किसी चीज के खिलाफ नहीं हैं. हम सिर्फ यह कह रहे हैं कि पहले प्रक्रियाओं का पालन किया जाए.’’ भारत जहां पहले लंबित मुद्दों को पूरा करने पर जोर दे रहा है. इनमें खाद्यान्न के भंडारण का भी मुद्दा भी शामिल है. वहीं दूसरी ओर विकसित देश नई मुद्दों मसलन निवेश सुगमता, ई-कॉमर्स और एमएसएमई को डब्ल्यूटीओ के एजेंडा में शामिल करने पर जोर दे रहे हैं.

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