बैंकों की तरफ से मिल रही मोराटोरियम की छूट की अवधि भी समाप्त हो गई है. वहीं सरकार द्वारा भी कोरोना वायरस के चलते बंद की गई कई सेवाओं को फिर से शुरू किया गया है.
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नई दिल्लीः कोरोना काल (Coronavirus) में अनलॉक-4 के तहत आज 1 सितंबर से बड़े बदलाव होने जा रहे हैं, जिनका आपके दैनिक जीवन और रसोई के बजट पर असर पड़ेगा. पहली तारीख को तेल कंपनियां रसोई गैस की कीमतों में बदलाव करती हैं. इसके अलावा बैंकों की तरफ से मिल रही मोराटोरियम की छूट की अवधि भी समाप्त हो गई है. वहीं सरकार द्वारा भी कोरोना वायरस के चलते बंद की गई कई सेवाओं को फिर से शुरू किया गया है. हम आपको बारी-बारी से इनके बारे में बताने जा रहे हैं, जिनमें आज से कई तरह के बदलाव हो गए हैं, जो आपकी जिंदगी पर पूरे महीने असर डालेंगे.
खत्म हो गई लोन मोराटोरियम की अवधि
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अभी तक बैंकों के लोन की किस्त (EMI) के भुगतान पर रोक की सुविधा को 31 अगस्त से आगे नहीं बढ़ाया है. सूत्रों ने कहा कि लोन भुगतान पर छूट को आगे बढ़ाने से कर्ज लेने वाले ग्राहकों का ऋण व्यवहार प्रभावित हो सकता है और इससे कोविड-19 की वजह से उनके समक्ष आए मुद्दों का भी हल नहीं होगा.
कोविड-19 महामारी के बीच सामान्य कारोबारी गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित होने की वजह से रिजर्व बैंक ने कंपनियों तथा व्यक्तिगत लोगों को राहत देते हुये ऋण की किस्तों के भुगतान पर एक मार्च से छह महीने के लिए छूट दी थी. छूट या किस्त भुगतान पर रोक की अवधि 31 अगस्त को समाप्त हो गई है. सूत्रों ने कहा कि कर्ज लेने वाले ग्राहकों के लिए यह अस्थायी राहत थी. उन्होंने कहा कि यदि छूट की अवधि को छह महीने से आगे बढ़ाया जाता है, तो इससे कर्ज लेने वाले ग्राहकों का ऋण व्यवहार प्रभावित हो सकता है और भुगतान की अवधि शुरू होने के बाद चूक का जोखिम बढ़ सकता है.
एलपीजी की कीमतें
तेल मार्केटिंग कंपनियां हर महीने की पहली तारीख को LPG रसोई गैस सिलेंडर और हवाई ईंधन की नई कीमतों की घोषणा करती हैं. पिछले कुछ महीनों से कीमतों में इजाफा हो रहा है. 1 सितंबर को भी LPG की कीमतों में कटौती या फिर बढ़ोतरी हो सकती है. इसके लिए आपको पहले से मानसिक और आर्थिक तौर पर तैयार रहना होगा.
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Fastag होने पर ही मिलेगा डिस्काउंट
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने अब यह नियम बनाया है कि 24 घंटे के अंदर किसी भी स्थान से वापस आने पर टोल टैक्स में छूट सिर्फ उन्हीं गाड़ियों को मिलेगी, जिनमें फास्टैग लगा होगा. इसका मतलब यह है कि अगर आप अपनी गाड़ी से किसी जगह जा रहे हैं और वहां से आप 24 घंटे के भीतर ही वापस लौटते हैं, तो टोल टैक्स की रकम में आपको तभी छूट मिलेगी, अगर आपकी गाड़ी में फास्टैग लगा होगा. अभी तक यह सुविधा सभी के लिए थी, लेकिन अब टोल टैक्स का कैश भुगतान करने वालों को यह छूट नहीं मिलेगी.
आधार में सुधार होगा महंगा
यूआईडीएआई ने एक ट्वीट के जरिये जानकारी दी है कि अब एक या अधिक अपडेट करने के लिए शुल्क 100 रुपये होगा, जिसमें बायोमेट्रिक्स अपडेट भी शामिल है. अभी आधार में डेमोग्राफिक डिटेल अपडेट के लिए 50 का शुल्क लेता है. आवेदन पत्र और फीस के साथ, आपको अपना नाम या पता या जन्मतिथि आधार में बदलने के लिए वैध दस्तावेज जमा करने होंगे.
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महंगी होगी हवाई यात्राएं
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 1 सितंबर से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों से उच्च विमानन सुरक्षा शुल्क वसूलने का फैसला किया है. एएसएफ शुल्क के तौर पर घरेलू यात्रियों से अब 150 के बजाए 160 रुपये वसूला जाएगा, वहीं अंतरराष्ट्रीय यात्रियों से 4.85 डॉलर के बदले 5.2 डॉलर वसूला जाएगा.
इंडिगो इन शहरों से शुरू करेगी उड़ानें
बजट एयरलाइंस इंडिगो ने अपनी उड़ानें स्टेप बॉय स्टेप शुरू करने का एलान किया है. 1 सितंबर से प्रयागराज, कोलकात्ता एवं सूरत उड़ान भी शुरू हो जाएगी. भोपाल-लखनऊ रूट पर कंपनी 180 सीटों वाली एयर बस-320 चलाएगी. यह उड़ान सप्ताह में तीन दिन सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार को संचालित होगी.
टोल टैक्स में हुआ इजाफा
सड़क यात्रियों को टोल प्लाजा पर अधिक जेब ढीली करनी पड़ेगी. सरकार ने टोल टैक्स की दरों में 5 से 8 फीसदी तक इजाफा कर दिया है. इससे निजी व व्यवसायिक वाहनों को अलग-अलग टोल टैक्स दरों के मुताबिक भुगतान करना होगा. सरकार सड़क हादसों में घायलों को मुफ्त इलाज (कैशलेस ट्रीटमेंट) देने की योजना को टोल टैक्स व्यवस्था से जोड़ने पर विचार कर रही है. इसके लागू होने पर टोल रोड पर चलना और मंहगा हो जाएगा. हालांकि ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर टोल दर नहीं बढ़ी है.
GST भुगतान में देरी होने पर शुल्क
वस्तु एवं सेवा कर के भुगतान में देरी की स्थिति में एक सितंबर से कुल टैक्स देनदारी पर ब्याज लगेगा. इस साल की शुरुआत में उद्योग ने जीएसटी भुगतान में देरी पर लगभग 46,000 करोड़ रुपये के बकाया ब्याज की वसूली के निर्देश पर चिंता जताई थी. ब्याज कुल देनदारी पर लगाया गया था. केंद्र और राज्य के वित्त मंत्रियों वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में निर्णय लिया था कि एक जुलाई, 2017 से कुल कर देनदारी पर जीएसटी भुगतान में देरी के लिए ब्याज लिया जाएगा और इसके लिए कानून को संशोधित किया जाएगा.