पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का हाल किसी से छिपा नहीं है.पाकिस्तान की इकोनॉमी महंगाई, घटती विकास दर, गरीबी और कर्ज के बढ़ते बोझ से दबी है. पाकिस्तान में नई सरकार के बनने के बाद सबसे बड़ी चुनौती यही है कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर कैसे लाया जाए.
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पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का हाल किसी से छिपा नहीं है.पाकिस्तान की इकोनॉमी महंगाई, घटती विकास दर, गरीबी और कर्ज के बढ़ते बोझ से दबी है. पाकिस्तान में नई सरकार के बनने के बाद सबसे बड़ी चुनौती यही है कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर कैसे लाया जाए. इसके लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने पांच सालों का रोडमैप तैयार किया है.
कैसे सुधरेंगे पाकिस्तान के हाल
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अगुवाई वाली नई सरकार ने नकदी संकट से जूझ रहे देश को आर्थिक मजबूती देने और बेपटरी हो चुकी अर्थव्यवस्था को रास्ते पर लाने के लिए नया रोडमैप तैयार किया है. देश की आर्थिक सेहत को सुधारने के लिए पांच साल के व्यापक खाके पर काम करने का फैसला किया गया है.
पाकिस्तान सरकार के फाइव ईयर प्लान की बड़ी बातें
समाचार-पत्र डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की सरकार के पांच सालों के रोडमैप में इकोनॉमी को रास्ते पर लाने की कोशिश हो रही है. यह रणनीतिक खाका मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने, गरीबी उन्मूलन और रोजगार सृजन पर केंद्रित होगा. आईटी राज्य मंत्री शज़ा फातिमा ख्वाजा ने बैठक के बाद कहा कि पहली बैठक में प्रधानमंत्री ने विभिन्न मंत्रालयों और प्रभागों से अनुमान मांगे और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), कृषि, उद्योग, ऊर्जा, खाद्य और पशुधन, एफबीआर (संघीय राजस्व बोर्ड) में सुधार, कारोबार सुगमता आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में पांच साल के लक्ष्य निर्धारित करने के लिए मंत्रालयों में वापस जाने के लिए एक समिति का गठन किया
ख्वाजा ने कहा कि मंत्रालयों और विभागों से जरूरी सूचना मिलने के बाद समिति सभी क्षेत्रों के लिए पांच साल के लक्ष्यों को लेकर एक एकीकृत दस्तावेज तैयार करेगी. उन्होंने कहा कि पांच साल के खाके पर जल्द ही कई बैठकें आयोजित की जाएंगी. इससे पहले, बैठक में प्रधानमंत्री शरीफ ने कहा कि योजना पर अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के सभी संबद्ध लोगों के साथ परामर्श किया जाना चाहिए.
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, शहबाज शरीफ ने कहा, “बिना समय बर्बाद किए देश की आर्थिक स्थिरता और प्रगति के लिए परियोजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाना चाहिए. प्रधान मंत्री ने कहा कि परियोजनाओं के कार्यान्वयन की एक अनुसूची प्रस्तुत की जानी चाहिए.
कृषि, पशुधन, सूचना प्रौद्योगिकी, विदेशी निवेश और छोटे और मध्यम उद्यमों (एसएमई) के क्षेत्रों में प्रगति में तेजी लाने के लिए प्राथमिकता के आधार पर कदम उठाए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार अपना खर्च कम करेगी और वह "गरीबों के पैसे की और बर्बादी" नहीं होने देंगे.